Bharat Pe Grover Dampatti Ki Badhti Mushkilen: भारत पे के ग्रोवर दंम्पति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, और उन्हें थोड़ी सी राहत मिले इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नज़र भी नहीं आती।
भारत पे के सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर बहुत जल्दी अपनी ही कंपनी भारत पे से निकाल दिए जाने की कगार पर खड़े हैं।
भारत पे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के ज्यादातर मेंबर ये चाहते है कि अशनीर ग्रोवर अपने पद से इस्तीफा दे. अशनीर पर कई तरह के संगीन इल्ज़ाम लगाए गए हैं।
जिसमें अभद्रतापूर्ण व्यवहार से लेकर फ्रॉड दस्तावेज और फ्रॉड कंपनी के खाते दिखाने तक के आरोप हैं।

Bharat Pe – Grover Dampatti Ki Badhti Mushkilen
इस मांग के जवाब में अशनीर ग्रोवर ने 4000 करोड़ रुपये की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत पे में उनके 9.5% शेयर की कीमत तकरीबन 4000 करोड़ रुपये है।
अशनीर ग्रोवर ने कहा कि “मैं इस कंपनी का एमडी हूँ और मैंने इस कंपनी को बनाया है तो मैं इस कंपनी से क्यों निकलूं? अगर किसी को मुझे निकालना है तो मेरे शेयर के पैसे दे दे और मैं कंपनी से बाहर निकल जाऊंगा.”
कुछ दिन पहले अशनीर ग्रोवर कोटक महिन्द्रा की एक इम्प्लॉई से गाली गलौज करते हुए फ़ोन पे रिकॉर्ड किए गए थे, और उस वायरल वीडियो ने उनकी जम के फ़ज़ीहत की थी।
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मगर अब हालात बद से भी बदतर हैं, और उनकी पत्नी और साले भी भारत पे की गहरी उलझनों में उलझते दिख रहे हैं।
भारत पे ने जिस Alvarez and Marsal कंपनी को, एक जांच के लिए नियुक्त किया था, उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट, कई हैरान कर देने वाले खुलासों के साथ भारत पे के बोर्ड के साथ हैं।
इस रिपोर्ट में Ashneer Grover के साथ उनकी बीवी Madhuri Grover, और माधुरी ग्रोवर के भाई Shwetank Jain पर गंभीर आरोप लगे हैं।
भारत पे – ग्रोवर दंपत्ति की बढ़ती मुश्किलें
Alvarez and Marsal की रिपोर्ट ये कहती है कि, ग्रोवर दंम्पति ने भर्ती के नाम पे प्लेसमेंट सर्विसेज की फीस दिखते हुए मोटी रकम के बिल्स लाएं जबकि भर्तियां सीधे तौर पे ग्रोवर दंम्पति ने मिल के की थी, और इन भर्तियों में किसी प्लेसमेंट सर्विसेज का कोई रोल नहीं था।
Madhuri Grover और उनके भाई Shwetank Jain ने मिलकर पानीपत के फर्जी वेंडर्स को कुल 53.25 करोड़ का पेमेंट किया और 10.97 करोड़ रुपये के फर्जी बिल लगाएं।
आपको बता दूँ कि, Madhuri Grover पानीपत की ही हैं और वहीँ के ये फर्जी वेंडर्स भी।
नौकरी के नाम पे की गयी हेराफेरी में Madhuri Grover ही सारे बिल्स बना के आगे पेमेंट क्लियर करवाने भेजा करती थी।
हैरानी की बात ये ही कि अभी तक इस मामले में भारत पे के दूसरे को फाउंडर Shashvat Nakrani का एक भी बयान सामंने नहीं आया है।