Letter To Father From Daughter In Hindi

Letter To Father From Daughter In Hindi : के इस पोस्ट में आप सभी का स्वागत करता हूँ।

बाप और बेटी का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसकी शायद कोई मिसाल ही न हो। ये रिश्ता उस पल से बनता है जब कोई आदमी एक बेटी का बाप बनने पर फूला नहीं समाता। पिता और बेटी के इसी रिश्ते और बंधन को बयां करती है ये Letter To Father From Daughter In Hindi.

एक बेटी अपने पिता के बहोत करीब होती है और हर पिता अपनी बेटी का हीरो होता है। मगर बहोत कम लोग अपनी बेटियों को भी उतना ही प्यार करते हैं, जितना वो अपने लड़के या लड़कों को। हमारे समाज में बेटियों को अभी भी वो स्थान नहीं मिल पाया है जो उन्हें सच में मिलना चाहिए।

खैर, इस बात पे चर्चा फिर कभी, आज हम एक बेटी का पत्र पिता के लिए देखते और पढ़ते हैं। ये एक मार्मिक और एक emotional letter to father in hindi है जिसमे एक बेटी अपने पिता को मिस करती है और बहोत सारी यादों से हो कर गुज़रती है।

Letter To Father From Daughter In Hindi
Letter To Father From Daughter In Hindi

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Letter To Father From Daughter In Hindi

बेटी से पिता को पत्र
Letter for father from daughter hindi me

पूज्यनीय पापा
चरण स्पर्श!
कैसे हैं आप पापा? आज आपकी बहोत याद आ रही थी इसलिए फ़ोन किया था मैंने आपको। फ़ोन पे आपकी आवाज़ सुनकर आपके साथ ढेर सारी बातें करने का मन किया। मगर आपको ज़्यादा देर तक फ़ोन पे बातें करना पसंद नहीं इसलिए ये पत्र लिख रही हूँ।

पापा, आपके पैरों का दर्द कैसा है? सर्दियाँ आ चुकी हैं, इसलिए अपना ख्याल रखियेगा, ठंड में आपके पैरों का दर्द शुरू हो जाता है न, इसलिए कह रही हूँ।
पापा, आज आपकी बहोत याद आ रही है, मन कर रहा है कुछ दिनों के लिए आपके पास चली जाऊं और वहीँ रहूँ आपलोगों के साथ कुछ दिन।

वक़्त कितनी तेजी से उड़ जाता है न पापा, अभी कुछ साल पहले भी मैं आप लोगों के साथ उसी घर में रहती थी और आज देखते देखते 5 साल हो गएँ मेरी शादी को।

पापा आपको याद है, जब मैं छोटी थी और आप ऑफिस से लौटते थे तो, आपको पानी देने के लियए कैसे मैं माँ से लड़ती थी, कि, “पापा को पानी मैं दूंगी, आप नहीं”।

माँ कितनी हंसती थी ये सुनकर और आप भी हमेशा मेरे ही हाथ का ग्लास लेते थे पानी का, और माँ के तरफ देखकर हँस पड़ते थे।

आज फिर से आपको अपने हाथ से पानी का ग्लास देना चाहती हूँ पापा।

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पापा, आपने मुझे बचपन से एक ऐसा माहौल दिया था, जहाँ मैंने ख़ुद को कभी भाई से कम नहीं समझा। आप हमेशा से मुझे और भाई दोनों को एक ही तरह से ट्रीट करते थे, न उसे लड़का होने का कोई एडवांटेज मिलता था और न मुझे लड़की होने का कोई नुक्सान उठाना पड़ता था।

आपने कभी हम दोनों में फर्क नहीं किया. मेरी सहेलियां, जब मुझे बताती थी कि, उनके घरं में उनके साथ सिर्फ इसलिए अलग सा बर्ताव किया जाता है, क्यूंकि वो लड़की है, तो मैं हैरान हो जाती थी, कि ऐसा मेरे साथ तो नहीं होता।

फिर जब बड़ी हुई तो समाज की असलियत का पता चला और अपनी किस्मत पे फख्र हुआ कि, मेरे पापा आप हो।  आप कितने अच्छे हो पापा. बाकी लोगों से कितने अलग।

मम्मी भी हमेशा यही बोलती थी “तेरे पापा बाकी लोगों की तरह नहीं हैं”।

पापा, मुझे गर्व है आप पर और ख़ुद पर कि मैं आपकी बेटी हूँ।

Heart touching letter to father from daughter in hindi

Pita Ke Liye Beti Ka Patra
बेटी का पत्र पिता के नाम

याद है पापा, जब मैं maths से ग्रेजुएशन करना चाह रही थी, तो सारे लोग इसके खिलाफ थे, सिर्फ आपने कहा था “अगर वो maths लेकर पढना चाहती है, तो वो maths ही पढेगी।  आप हमेशा मेरे लिए एक ढाल की तरह खड़े रहते थे।

आज मैं आपको बताना चाहती हूँ पापा कि, मैंने मैथ्स क्यूँ चुना था. क्यूंकि आपने भी ग्रेजुएशन maths से ही किया था, इसलिए मैं भी maths पढना चाहती थी. पापा, आप शायद आज इस बात पे हँसे, मगर यही सच है पापा।

आपने हमेशा मेरी हर डिमांड पूरी की, चाहे वो ड्रेस की हो, या नए चप्पल की, या फिर बाहर घुमने जाने की. आपने कभी न नहीं किया मुझे।

और भाई मुझसे इस बात पे खूब लड़ता था, कि आप मेरी हर बात क्यूँ मान लेते हो? “क्यूंकि मैं पापा की लाडली हूँ” ये कहकर चिढ़ाती थी मैं उसे “. भाई भी आपसे बहोत प्यार करता है पापा।

पापा, आपको याद हैं न, मैंने पढाई में कभी आपको मायूस नहीं किया, हमेशा अच्छे मार्क्स लाती थी मैं. मुझे याद आ रहा है, आपका वो मुस्कुराता और गर्व से भरा चेहरा जब मेरे टीचर्स मेरी तारीफ़ करते थे आपके सामने। पापा, आपसे ही सिखा था, “जो करो, मन लगा के करो” और आज यही बात, मैं आपके नाती को ही बोलती हूँ।

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पापा आपने ज़िन्दगी जीने के न सिर्फ तरीके सिखाये बल्कि ये भी सिखाया कि, ज़िन्दगी में कौन सी चीज़ें ज्यादा महत्वपूर्ण है. और कौन सी कम । और आपकी सीख का ही नतीजा है पापा, कि, मुझे ससुराल में कभी किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।

आपकी हर सीख, जीवन के किसी न किसी मोड़ पे हमेशा काम आई मेरे।

पापा, मुझे याद आ रहा है, मेरी विदाई के वक़्त कैसे रोये थे आप…आपका वो फूट-फूट के रोना आज भी मुझे रुला जाता है पापा। आप तो बहोत मजबूत दिल के हो पापा, फिर उस दिन वैसे क्यूँ रोये थे आप?

देखा, अभी फिर रुला दिया न मुझे आपने।

आपका वो रोना देखकर मैं ख़ुद रोना भूल गई थी।  मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है कि, मम्मी ने कैसे संभाला था आपको। मगर चुप आप तभी हुए थे, जब मैं ये बोल के रो पड़ी थी कि, “मैं पापा को छोड़कर नहीं जाउंगी”।

दिल को छू जाने वाला बेटी का पत्र पिता के लिए 

बेटी का पत्र पिता के लिए
Beti ka patra pita ka naam

आप को वैसे रोता देखकर मेरा दिल बैठा जा रहा था।

और मेरे वैसा कहते ही आपने अपने आंसुओं को बिलकुल से रोक लिया था और मुझे विदा किया था अपने आँगन से।

पता है पापा , आपके दामाद, आज भी कभी-कभी “मैं पापा को छोड़कर नहीं जाउंगी” बोल के मुझे छेड़ते हैं।

पापा, आदर्श मेरा बहोत ख्याल रखते हैं और मुझे कभी कोई शिकायत का मौका नहीं देते।  इनकी बहोत सारी आदतें आपसे मिलती जुलती है. मेरी किस्मत कितनी अच्छी है न पापा, आप जैसे पापा की बेटी बनी, और आदर्श जैसे आदमी की पत्नी, और आप दोनों ने मुझे किसी दुःख को मुझे छूने तक नहीं दिया।

दुःख होता है, तो बस आपसे दूर होने का, और उस वक़्त मन बहोत खराब हो जाता है।  आदर्श मुझे बहोत समझाते है और फिर कहते हैं, ” ठीक है, ऐसा करते हैं, तुम कुछ दिनों के लिए मम्मी पापा के पास चली जाओ. मैं इधर सब संभाल लूँगा”।

Emotional letter to father in hindi

मगर पापा, मैं ऐसा नहीं कर सकती न, मैं चली गयी तो इनका खाना पीना सब भगवान् भरोसे हो जाएगा। बचपन में देखती थी, मम्मी आपको छोड़कर कही नहीं जाती थी, अगर कहीं जाना होता था, तो आपके साथ जाती थी और आपके साथ ही लौट आती थी।

उसी सीख को यहाँ काम में लगाती हूँ पापा।  आशीर्वाद दीजिये कि, आदर्श ऐसे ही मेरे साथ हमेशा बने रहें। मैं भी क्या पागलों जैसी बातें कर रही हूँ, आपका आशीर्वाद तो हमेशा मेरे साथ है ही पापा।

पापा, उनके आने का वक़्त हो गया है, आज यहीं तक।

अपना ख्याल रखियेगा, और मम्मी से कहियेगा मैं उनको भी एक पत्र जल्दी ही लिखूंगी. बाहर निकलते वक़्त स्वेटर और शाल मत भूलियेगा।
आपकी लाडली
मीनू

दोस्तों कैसा लगा ये पापा पर लेटर – Letter To Father From Daughter In Hindi ? आशा करता हूँ आपको एक बेटी का प्यार भरा पत्र अपने पिता के नाम ज़रूर अच्छी लगी होगी। 

बेटियां घर की रौनक होती हैं। और इस रौनक को संभल कर रक्खें अगर आपके भी कोई लाडली है। 

आपके वक़्त का बहोत शुक्रिया !

 

 

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