Letter To Mother In Hindi – ये पत्र माँ के नाम सिर्फ एक पत्र नहीं है, ये एक दस्तावेज़ है ज़िन्दगी से संघर्ष की।
एक बेटा, जो अपनी माँ अपने घर से दूर है और अचानक जब उसकी ज़िन्दगी उथल पुथल हो जाती है, तो उसकी हालत उससे संभाली नहीं जाती और वो टूट जाता है। ये Letter To Mother In Hindi – Main Thik Nahi Hoon Maa : मेरे दिल के सबसे ज़्यादा करीब हैं।
अपनी माँ के लिए पत्र लिखने का मौका बहोत कम नसीब वालों को मिलता है, मगर इस बेटे का पत्र माँ के नाम, आपको एक बार अपनी माँ को पत्र ज़रूर लिखने को बोलेगा।
आशा करता हूँ कि, एक बेटे का खत माँ के नाम आपको पसंद आएगा और आप अपनी माँ को ज़रूर फ़ोन करेंगे, या पत्र लिखेंगे, या जा के उनकी गोद में सर रखेंगे इसे पढ़ने के बाद। क्यूंकि “माँ” हमें हमेशा चाहिए होती है!!!
Letter To Mother In Hindi – मैं ठीक नहीं हूँ माँ !

पूज्यनीया माँ
चरण स्पर्श !
कैसी है, माँ? तू ठीक तो, है न? और बाबा कैसे है? बहुत याद आती है तेरी और तेरी हर चीज़ की।
बहुत दिनों से सोच रहा था तुझसे बात करने की। फ़ोन पे तो ठीक से बात हो नहीं पाती। तेरे काम भी तो इतने रहते हैं। कहाँ वक़्त दे पाती है अपने इस नालायक बेटे को फ़ोन पे? इसलिए सोचा इस बार तुझे खत लिख के, ख़त के जरिए तुझसे बात करूं।
तुझे अपनी वो बातें बताओ जो शायद तू जानती नहीं है, मगर तुझे जाननी चाहिए. क्योंकि ये तेरे उसी नालायक बेटे की ही बाते हैं जिसे तू अपना राजा बेटा कहती थी कभी.
कल छुटकी से बात हो रही थी तो उसने बताया कि उसने तुझे वीडियो कॉल किया था और तू उसे अच्छी लगी थी।छुटकी कह रही थी तेरी सेहत पहले से थोड़ी अच्छी हुई है सुनके बहुत अच्छा लगा माँ ऐसे ही अच्छे से रहना, अपना खयाल रखा करना और बाबा का भी.
तुझे याद है माँ तू कहा करती थी, “जो होता है अच्छे के लिए होता है, ठीक होता है” तू बिल्कुल ठीक कहा करती थी। अब देख न, तुझे वीडियो कॉल करना नहीं आता और मैं तुझे वीडियो कॉल करता नहीं, तेरा वीडियो कॉल करना ना आना, वो चीज़ है, जो अच्छे के लिए हुआ है।
Letter For Mother In Hindi

अगर तुझे वीडियो कॉल करना आता होता।तो तू कभी भी मुझे वीडियो कॉल करके मेरा चेहरा देख सकती थी। और मैं नहीं चाहता कि तू मेरा चेहरा देखें, क्योंकि मैं ठीक नहीं हूँ माँ, मैं बिल्कुल ठीक नहीं हूँ!
और मैं नहीं चाहता था कि, तू मेरा ये चेहरा देखें। मैं कैसे जी रहा हूँ, उस चीज़ को जाने और समझें।
भला तुझे अपनी आँखों के सामने कैसे टूटता देख सकता हूँ माँ?
सिर्फ इसी वजह से मैंने तुझे पिछले 2 साल से कभी कोई वीडियो कॉल नहीं किया।
क्योंकि मैं 2 साल से जिन्दा तो हूँ, माँ, मगर ये जिंदगी जीने के लायक नहीं रही है। मैं जिंदा होने के बाद भी मरे हुए से बदतर हालात में हूँ माँ।
बचपन में तू मुझे अपना राजा बेटा कहती थी। कितना प्यार करती थी मुझे तू माँ! जब कभी बदमाशी करने पर बाबा मुझे मारते थे, तो कैसे आके मुझे छुड़ा लेती थी तू उनके हाथों से?
कैसे मैं जाके तेरे पीछे छिप जाता था न माँ? तेरे आंचल के पीछे मुझे लगता था कि जैसे अब बाबा मुझे छू भी नहीं पाएंगे क्योंकि तू आ गईं हैं मुझे बचाने।
और ऐसा ही तो होता था, माँ. तेरे आने के बाद बाबा मुझे छू तक नहीं पाते थे, मारना तो दूर की बात रही.
उसी तरह से आके मुझे आज फिर मेरी परेशानियों से बचा ले न माँ। मुझे अपने आंचल में छुपा ले, फिर से आना राजा बेटा बना लें माँ.
बेटे का पत्र माँ के नाम

ताकि मैं इन सारी परेशानियों से कहीं दूर चला जाऊं तेरी गोद में सिमट के बैठा रहूँ, तू मुझे यार करती रहे और मैं सो जाऊं तेरी गोद में.
पता है माँ, आठारह महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है, मेरी नौकरी नहीं रही है। जब से ये लॉकडाउन शुरू हुआ था अपनी ऑफिस में मैं। आखिरी दो लोगों में से एक था जिसकी नौकरी चली गयी।
मुझसे पहले मेरे सारे दोस्त जो मेरे साथ काम करते थे, उन सबकी नौकरी चली गई थी।
मैंने वेटर तक की नौकरी करनी चाही मगर नहीं मिली माँ, कोई नौकरी नहीं मिली माँ, कोई काम न मिला!!!
मैंने जितने पैसे इतने साल नौकरी कर के बचाये थे, उससे उन तमाम दोस्तों की जरूरतें पे मैं उनकी मदद करता रहा क्योंकि उनकी नौकरी चली गई थी। उनका अपना घर परिवार था। जब जितना बन परा मैंने उन सबकी मदद की। क्योंकि मैं तो अकेला हूँ न माँ ।
पैसों की जरूरत उनको ज्यादा थी क्योंकि उनके साथ उनका परिवार रहता है।
और पिछले 18 महीनों में मुझे जब भी पैसों की जरूरत पड़ी, मैंने उन लोगों से अपने पैसे वापस मांगे। मगर किसी ने कोई पैसा नहीं लौटाया, माँ।
अपने ही दिए हुए पैसे वापस मांग के जैसे मैंने उन सब को अपना दुश्मन बना लिया। वो तमाम दोस्त।जो कल तक दोस्त थे, आज दुश्मन से भी कुछ ज्यादा बन गए हैं। पैसा इंसान को कैसे बदल देता है ना माँ?
तेरे लिए एक बहू देख रखी थी मैंने। मगर तू ठीक ही कहती थी, माँ, “जो होता है अच्छे के लिए होता है”। मेरी नौकरी क्या गयी, तेरी होने वाली बहू ने भी किसी और का हाथ थाम लिया। अच्छा ही तो हुआ ना माँ?
कम से कम उसकी हकीकत तो सामने आ गयी। या तो वो गलत हाथों में जाने से बच गई या फिर शायद मैं बच गया।
मगर उसके जाने के बाद सब कुछ खत्म सा हो गया माँ। न नौकरी रही, ना रहे पैसे न रहे दोस्त और न रहा प्यार? और तू भी तो नहीं है मेरे साथ माँ।
माँ के लिए बेटे का पत्र

मैं पूरी तरह से टूट के बिखर चुका हूँ माँ, मैं सांस ज़रूर लेता हूँ, मगर मैं जिंदा नहीं रहा हूँ माँ. मेरे सारे सपने, मेरी सारी उम्मीदें दम तोड़ चुकी हैं माँ. मैं हार गया हूँ…मैं सब कुछ खो चुका हूँ माँ।
मैं तुझसे लिपट के फूट-फूट के रोना चाहता हूँ माँ, तेरे गोद में सर रखकर अपना सारा दर्द आंसुओं में बहा देना चाहता हं माँ। और चाहता हूँ कि, तू मुझे एक ही बात मेरे आंसुओं को पोछते हुए बोले “सब ठीक हो जाएगा बेटा, पहले तू ठीक तो हो जा।”
बोल न माँ, तू बोल तो सही, मैं सच में ठीक हो जाऊंगा. क्योंकि मैं ठीक होना चाहता हूँ माँ। मैं जीना चाहता हूँ, मैं मरना नहीं चाहता, मैं हार गया हूँ मगर मैं इस हार को भी बर्दाश्त कर लूँगा क्योंकि मुझे जीना है माँ।
मैं जिंदगी को प्यार करता हूँ, हमेशा किया है। मैं किसी बुजदिल की तरह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता, जिससे तुझे और बाबा को ज़िन्दगी भर का दर्द रहे।
मैं तेरा राजा बेटा आज न सही, मगर इतना भी नालायक नहीं हूँ माँ। मगर मैं जिंदा कैसे रहूँ माँ? क्या सिर्फ साँसे किसी को जिंदा रख सकती है माँ? नहीं न! तो बस फिर मैं भी जिंदा नहीं रह सकता ऐसी हालत में।
मेरे पास आजा माँ, मुझे तेरी बहोत जरूरत है। मुझे तेरे प्यार की जरूरत है…तेरे स्पर्श की जरूरत है…तेरे आंचल की जरूरत है.. मुहे तेरी जरूरत है माँ।
माँ तेरे हाथ का बनाया खाना याद आ रहा है तेरे हाथ की बनाई वो गर्म गर्म रोटियां।वो बैगन की भुजिया।गोभी की सब्जी, और धनिया पत्ता की वो चटनी। मुझे फिर से खाना है ये सब और वो भी तेरे हाथ का बना हुआ।
बस एक आखिरी बार अपने हाथ का बना खाना खिला दे। तेरे हाथ का खाना खाके मैं तेरी गोद में सिर रखकर सो जाऊं। तू मेरे सर पे अपने हाथ फिराती रहे, मेरे बालों को सहलाती रहना। मैं धीरे धीरे सो जाऊंगा…फिर कभी नहीं उठने के लिए।
फिर कभी नहीं इन परेशानियों को झेलने के लिए…फिर कभी नहीं इस दर्द से गुज़रने के लिए।
और जब मैं न उठूँ न माँ, तो रोना मत!! ये सोच के मुस्करा देना कि, तेरा बेटा सारे दर्द, सारी परेशानी और तकलीफों से बहोत दूर जा चुका है।
और मुझे आशीर्वाद देना कि, अगली जिंदगी में अगर तू मेरी माँ न बन पाए, तो कम से कम, मुझे ऐसी जिंदगी भी न मिले, माँ। मुझे ऐसे दर्द ना मिले जिसमें झेल न पाऊँ, जिसकी कोई दवा न हो… और जिससे छुटकारा मिलना इतना मुश्किल हो!
बस माँ, आज यहीं तक. अपना खयाल रखना, बाबा को मेरा चरणस्पर्श देना।
अगर निंदा रहा न माँ, तो इस बार तझे पक्का वीडियो कॉल करूँगा, देख लेना आपने इस नालायक राजा बेटा को।
और मुझे भी तो अपनी माँ को देखना है, है ना माँ?
तेरा नालायक राजा बेटा
नितिन !
दोस्तों, ये Letter To Mother In Hindi एक ऐसा खत है, जिसमे बयां हर शब्द सच है और असल ज़िन्दगी में गुज़र चुकी है मेरे किसी ख़ास दोस्त के साथ।
माँ का मोल नहीं होता, माँ की ममता आप सबसे ज़्यादा तब मिस करते हो, जब आप उनसे दूर होते हो और किसी तकलीफ में।
अपने खुशहाल मौकों पर भी अपनी माँ को याद कर लिया करें! कहीं ऐसा न हो, कि, आप उन्हें तब याद करें, जब काफी देर हो चुकी हो, आपकी ज़िन्दगी में.
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आपके वक़्त का शुक्रिया!