प्यारे और नन्हे मुन्ने बच्चों , आप सबका Short Story For Kids In Hindi में स्वागत है। आज आप सब चमत्कार और जादू से भरे कुछ हिंदी स्टोरी सुनेंगे और आपको ढेर सारा मज़ा आएगा इन कहानियों को सुनके।
बच्चों हम सब की जीवन में कहानियों का बहोत महत्व होता है। कहानियाँ न सिर्फ हमारा मन बहलाती है बल्कि कहानियाँ हमें अच्छी शिक्षा भी देती है, साथ ही कहानियों के माध्यम से हमें जीवन की सीख भी मिलती है।
इसलिए बच्चों, ये कहानियाँ सुनके उनसे आपको जो सीख मिलती है उसे हमेशा याद रखें और समय आने पर उस सीख का अपने जीवन में प्रयोग भी करें।
आज हम सिर्फ मस्ती वाली और जादुई कहानियाँ भी सुनेंगे जिससे आपका न सिर्फ दिल बहलेगा बल्कि आपको मीठे- मीठे सपने भी आएंगे और सुबह जब आप सो कर उठेंगे तो अपने आप में बहोत खुश रहेंगे और इन कहानियों को फिर से याद भी करेंगे।
और हाँ बच्चों अगर आपको कहानी सुनाते- सुनाते, आपके मम्मी – पापा, दादा – दादी या फिर नाना – नानी, आपको सोने को कहें, तो आप उनकी बात ज़रूर मानना। वो आपको बाकी कहानियाँ अगले दिन सुना देंगे। चलिए पहले प्रॉमिस कीजिये !
शाबाश !!! तो चलिए अब कहानियों को सुनते हैं।
Short Story For Kids In Hindi

चतुर खरगोश की कहानी – Short Stories For Kids In Hindi
एक बार की बात है, एक जंगल में एक चतुर खरगोश रहता था। उसका नाम चीकू था। चीकू बहुत ही तेज दौड़ता था और वह जंगल में किसी भी जानवर को दौड़ में पीछे छोड़ सकता था।
एक दिन, चीकू जंगल में खेल रहा था जब उसने एक शेर को देखा। शेर बहुत बड़ा और ताकतवर था। चीकू बहुत डर गया, लेकिन वह भागा नहीं। उसने सोचा, “मैं अब भागूंगा नहीं। मैं शेर से लड़ूंगा।”
चीकू शेर के पास गया और कहा, ” शेर जी, मैं आपसे लड़ना चाहता हूं।”
शेर बहुत हैरान हुआ। उसने कहा, “तुम मुझसे लड़ना चाहते हो? लेकिन तुम बहुत छोटे हो।”
चीकू ने कहा, “मैं छोटा हो सकता हूं, लेकिन मैं बहुत चतुर हूं। मैं आपसे लड़ूंगा और आपको हरा दूंगा।”
शेर बहुत गुस्सा हुआ। उसने चीकू पर हमला किया, लेकिन चीकू बहुत चतुर था। उसने शेर के सारे हमलों से खुद को बचा लिया। चीकू ने शेर को इतना थका दिया कि उसने लड़ना बंद कर दिया।
शेर बहुत शर्मिंदा हुआ। उसने चीकू से कहा, “तुम बहुत चतुर हो। तुमने मुझे हरा दिया।”
चीकू ने कहा, “धन्यवाद। लेकिन अब आप जंगल में किसी को भी परेशान नहीं करोगे।”
शेर ने कहा, “नहीं, मैं किसी को भी परेशान नहीं करूंगा।”
शेर और चीकू दोस्त बन गए। वे जंगल में साथ-साथ खेलते थे और शेर कभी किसी को परेशान नहीं करता था।
चीकू एक बहुत ही चतुर खरगोश था। उसने शेर को हरा दिया और जंगल में शांति स्थापित की।
जादुई जंगल – Short Stories For Kids In Hindi
चांदी जैसी चमकती धूप और चारों तरफ हरी-भरी घास के बीच एक जादुई जंगल था। इस जंगल में अनेक तरह के प्राणी रहते थे जो सबके दिलों को मोह लेते थे।
इसी जंगल में एक मगरमच्छ जिसका नाम था मोहन, वो भी रहता था। मोहन बच्चों का सबसे प्यारा दोस्त था। मोहन बच्चों के साथ दिनभर खेलता और मस्ती करता रहता। एक दिन, मोहन ने अपने सारे दोस्तों को जादुई जंगल ले जाने की सोची।
सारे बच्चे कितने खुश होंगे ये सोचकर मोहन काफी खुश हो गया। जब वे उस जादुई पेड़ के पास पहुंचे, तो सबने देखा कि वहाँ एक छोटा सा पर्वत भी था। पर्वत पर एक छोटा सा गुफा भी था। उसी गुफा में एक जादुगर भी रहता था।
मोहन ने अपने दोस्तों ने कहा, “मैंने सुना है ये एक अद्भुत जादुगर है। उससे कुछ भी मांगने पर, वो मांग पूरी कर देता है।”
“लेकिन उसके पास मुझे तुम सब को छोड़ के अकेले ही जाना पड़ेगा, क्यूंकि यही उस जादूगर का नियम है।”
मोहन ने वहां जादुगर से मिलने का फैसला किया। जब मोहन गुफा में पहुंचा, तो वहां एक छोटा सा जादुगर बैठा हुआ था।
जादुगर ने मोहन से पूछा, “क्या चाहिए तुम्हें?”
मोहन खुशी से बोला, “मुझे एक प्यारा सा गुब्बारा चाहिए।”
जादुगर ने अपनी चमकीली जादुई छड़ी निकाली और उसे हवा में घुमाके एक गुब्बारा बना दिया और फिर उस गुब्बारे को हवा में उड़ा दिया। गुब्बारा हवा में उड़ने लगा।
मोहन को इस नए खेल में बड़ा मजा आया। वह गुब्बारे के पीछे-पीछे भागने लगा। मोहान के साथ उसके सारे दोस्त भी खुश होक गुब्बारे के पीछे दौड़ने लगे ।
वे सभी मिलकर अपने जीवन के सबसे अद्भुत पलों को बिता रहे थे। अब रात हो गई थी और चाँद और तारे आसमान को सजा रहे थे, ऐसे में मोहन अपने जादूगर दोस्त से अलविदा कहकर, सारे दोस्तों के साथ वापस घर लौट आया।
उस रात, मोहन को बहोत अच्छी नींद आई। लेकिन अगले दिन मोहन उस जादुई जंगल में न जाकर, अपने दोस्तों के साथ जंगल में ही खेलने का फैसला किया।
मोहन ने ऐसा इसलिए किया क्यूंकि, वो समझ चुका था कि, जादुई चीजें वास्तविक नहीं होती और हमें वास्तविक चीजों को ही अपनाना चहिये। और जहाँ अपने दोस्तों को नहीं ले जा सकते वहाँ अकेले नहीं जाना चाहिए।

खिलौनों का मेला – Short Story For Kids In Hindi
एक छोटा सा गाँव था। उस गाँव के सारे बच्चे बड़ी उत्सुकता से खिलौनों के मेले का इंतजार कर रहे थे। बच्चे बेचैनी से मेले के दिन को इंतज़ार कर रहे थे।
आख़िरकार, वह दिन आ ही गया। गांव के एक खाली बड़े से मैदान में एक खिलौनों का मेला लगा था। मेले में बच्चों के लिए तरह – तरह के के रंग-बिरंगे खिलौने थे।
रिया, रोहन, सुमित और अन्य बच्चे मेले में दिखाई देने वाले सभी खिलौनों को देखने में बहुत खुश थे। उन्हें सभी खिलौनों को देखने का मजा आ रहा था।
वे सभी अपने माता-पिता से खिलौने खरीद देने की प्रार्थना करने लगे। बच्चों के माता-पिता ने खिलौने खरीदने की बच्चों की इच्छा को समझकर उन्हें कुछ खिलौने खरीद देने का फैसला किया।
खिलौने लेने के बाद, वे सभी बच्चे खुशी से खिलौने के साथ खेलने लगे। रिया ने एक खिलौने से बनाया ख़ास घर, जिसमें उसके पसंद के सारे नायक और नायिका रहते थे।
रोहन ने एक रंगीन गुब्बारे को खूब ऊँचा उड़ाया और उसे देखते ही अपने दोस्तों के बीच खुद भी ख़ुशी से हवा में उड़ने लगा।
सुमित ने एक समुद्री जहाज़ को खूब सुन्दर ढंग से सजाया, जिसमें उसके नायक और नायिका साफ़ साफ़ खड़े नज़र आ रहे थे।
इसी तरह खिलौने के मेले में सभी बच्चे अपने ख़ास खिलौने से ख़ुश थे और उन्हें अपने दोस्तों के साथ खेलने का मजा आ रहा था।
मेले के बाद, वे सभी बच्चे अपने खिलौनों को घर ले गए। वे सभी अपने खिलौनों से खेलकर खुश थे और दिल से अपने माता पिता के आभारी थे।
खिलौनों का मेला सारे बच्चों के लिए एक रोचक और यादगार अनुभव था, उन सारे बच्चों ने ने अपने ख़ास खिलौने के साथ अपने दोस्तों के साथ समय बिताने का मजा लिया था।
चमत्कारी बिल्कुला – Interesting Short Story in Hindi
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक जादूगर रहता था। उसका नाम था बिल्कुला। बिल्कुला बहुत ही अद्भुत और चमत्कारी जादूगर था। वह अपनी जादूगरी से सभी लोगों को हेरान कर देता था।
एक दिन, गांव के बच्चे खेलते-खेलते बिल्कुला के पास पहुंचे। उनसे मिलके बच्चे बहुत खुश हुए और बिल्कुला से कहने लगे, “आप हमें कुछ जादू दिखाएं।”
बिल्कुला को भी बच्चों के साथ खेलने में बड़ा मजा आता था। उसने अपनी छड़ी निकाली और एक छोटे से पत्थर को जादू से गायब कर दिया। बच्चों ने खुशी-खुशी तालियां बजाई।
फिर बिल्कुला ने अपनी टोपी से एक खरगोश को निकाला और सभी बच्चों के सामने उसे ज़मीं पे रख दिया । बच्चे बड़े ही हैरान हुए और उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि ये बिल्कुला के जादू का कमाल है।
अब बिल्कुला ने एक छोटे से पेड़ को एक मिनट में बड़े पेड़ में बदल दिया और फिर से उसे छोटे पेड़ में बदल दिया। बच्चे उसके जादू के सामने हैरान हो गए और खुश होकर तालियां बजाने लगे।
बिल्कुला ने बच्चों के लिए और भी कई चमत्कारिक जादू दिखाए। बच्चे बिल्कुला की जादूगरी से चमत्कृत हो गए और उन्हें उसके साथ अपना समय बिताने में उन्हें बड़ा आनंद आ रहा था।
बिल्कुला ने बच्चों को कुछ जादू का उपयोग करना भी सिखाया और उन्हें बताया कि जादू से सिर्फ मज़ा ही नहीं, बल्कि सही और अच्छे काम भी किए जा सकते हैं।
इस तरह, बिल्कुला ने बच्चों के दिलों को जीत लिया और वे सभी अपने प्यारे जादूगर दोस्त के साथ खेलते, घूमते और मस्ती करते रहे। उनकी यह दोस्ती उन्हें हमेशा खुश और प्रसन्न रखती रही।
ईमानदार बंदर की कहानी – Short Story For Kids In Hindi
एक जंगल में एक ईमानदार बंदर रहता था। उसका नाम टोनी था। टोनी का स्वभाव बहोत अच्छा था , वो एक बहुत ही अच्छा बंदर था। वो हमेशा दूसरों की मदद करता था और कभी भी झूठ नहीं बोलता था।
एक दिन, टोनी जंगल में घूम रहा था। तभी, उसने एक पेड़ पर एक बड़ी सी थैली देखी। उसने थैली खोली तो दांग रह गया, थैली में सोने के सिक्के भरे हुए थे।
टोनी बहुत खुश हुआ। उसने सोचा, “मैं इन सोने के सिक्कों को घर ले जाऊंगा और अपने परिवार के साथ खुश रहूंगा।”
लेकिन, टोनी दिल से एक ईमानदार बंदर था। उसने सोचा, “मैं ये सोने के सिक्के नहीं चुराऊंगा। मैं इन्हें वापस उनके मालिक को दे दूंगा।”
टोनी थैली लेकर जंगल के राजा के पास गया। उसने राजा को थैली दी और कहा, “मैंने यह थैली जंगल में पाई थी। मुझे नहीं पता कि यह किसकी है।”
राजा बहुत खुश हुआ। उसने टोनी को थैली वापस दी और कहा, “तुम एक बहुत ही ईमानदार बंदर हो। मैं तुम्हें इन सोने के सिक्कों का इनाम देना चाहता हूं।”
लेकिन टोनी ने इनाम लेने से मना कर दिया। उसने कहा, “मैं इनाम नहीं चाहता। मैं सिर्फ अपना कर्तव्य निभा रहा था।”
राजा टोनी से बहुत प्रभावित हुआ। उसने टोनी को एक पद दिया और उसे जंगल का संरक्षक बना दिया। टोनी ने जंगल के संरक्षक के रूप में बहुत अच्छा काम किया।
उसने जंगल को स्वच्छ और सुरक्षित रखा। वह एक बहुत ही लोकप्रिय संरक्षक था। जंगल के सभी जानवर टोनी का सम्मान करते थे।
टोनी एक बहुत ही ईमानदार और अच्छा बंदर था। उसने अपने ईमानदारी से जंगल को स्वच्छ और सुरक्षित रखा। उसके विचारों से हमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
मेहनती कुत्ता – Short Story For Kids In Hindi
एक बार की बात है, एक मेहनती कुत्ता था जिसका नाम सिंचेन था। सिंचेन एक बहुत ही अच्छा कुत्ता था। वह हमेशा अपने मालिक की मदद करता था और कभी भी शिकायत नहीं करता था।
सिंचेन के मालिक एक किसान थे। वे बहुत मेहनती थे, एक बार वो बहुत बीमार थे। वे खेतों में काम नहीं कर सकते थे। ऐसे में सिंचेन ने सोचा, “मैं अपने मालिक की मदद करूंगा।”
सिंचेन ने किसान के खेतों में काम करना शुरू कर दिया। वह सुबह से शाम तक काम करता था। वह खेतों को जोतता था, फसलों को पानी देता था और जानवरों को खाना देता था।
सिंचेन बहुत मेहनती था। उसने अपने मालिक के खेतों को बहुत अच्छे से संभाला। उसके मालिक उससे बहुत खुश थे। उन्होंने सिंचेन की बहुत तारीफ की।
एक दिन, किसान के खेतों में आग लग गई। किसान बहुत घबरा गए। वे लाख कोशिश करके भी आग नहीं बुझा पाएं।
ऐसे में सिंचेन ने सोचा, “मैं आग बुझाऊंगा।”
सिंचेन तेजी से आग की ओर दौड़ा और पानी से आग बुझाने लगा। वह लगातार तब तक आग बुझाता रहा, जब तक कि आग पूरी तरह से बुझ नहीं गई।
सिंचेन ने किसान के खेतों को आग से बचा लिया। सिंचेन के मालिक बहुत खुश हुए। उन्होंने सिंचेन को बहुत धन्यवाद दिया और अपनी गोद में उठा के उसे खूब सारा प्यार किया।
सिंचेन एक बहुत ही मेहनती और बहादुर कुत्ता था। उसने अपने मालिक की मदद की और उसके खेतों को आग से बचाया। वह एक बहुत ही अच्छे और वफादार कुत्ता था।
प्यारे बच्चों, आप जैसे प्यारे और छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां सुनकर आपको अच्छा तो लग रहा है न? चलिए, आगे और भी जादुई मजेदार कहानियां सुनते और पढ़ते हैं।
जादुई जंगल की मज़ेदार कहानी बच्चों के लिए
चमकती धूप और हरी-भरी घास के बीच एक जादुई जंगल था। इस जंगल में अनेक प्राणि रहते थे जो सबके दिलों को मोह लेते थे।
उसी जंगल में एक मगरमच्छ, था, उसका नाम था मोहन। मोहन बच्चों का दोस्त था। वह दिनभर खेलता और मस्ती करता रहता। एक दिन, मोहन ने अपने दोस्तों को जादुई पेड़ के पास ले जाने का प्लान बनाया।
मोहन बड़ा खुश था। जब वे पेड़ के पास पहुंचे, तो देखा कि एक छोटा सा पर्वत भी वहां था। पर्वत पर एक छोटा सा गुफा भी था। उस गुफा में एक जादुगर रहता था।
मोहन के दोस्तों ने कहा, “यह जादुगर अद्भुत है। वह हमें कुछ भी मांगने पर पूरी कर देता है।”
मोहन ने भी वहां जादुगर से मिलने का फैसला किया। जब मोहन गुफा में पहुंचा, तो वहां एक छोटा सा जादुगर बैठा हुआ था।
जादुगर ने मोहन से पूछा, “क्या चाहिए तुम्हें?”
मोहन ने खुशी से बोला, “मुझे एक उड़ने वाला गुब्बारा चाहिए।”
जादुगर ने अपनी छमकीली छड़ी निकाली और गुब्बारे को हवा में उड़ा दिया। गुब्बारा खुशी से हवा में उड़ता हुआ नजर आया।
मोहन को खेलने में बड़ा मजा आया। वह गुब्बारे के पीछे-पीछे भाग रहा था। सभी दोस्त भी मोहन के साथ खड़े हो गए।
वे सभी मिलकर ज़िन्दगी के सबसे अद्भुत पलों को बिता रहे थे। जब रात हो गई और चाँद और तारे आसमान को सजा रहे थे, तो मोहन अपने जादुगरी दोस्त से अलविदा कहकर वापस घर की तरफ लौट आया।
उस रात, मोहन को अच्छे सपने आए और उसका दिन बहुत ख़ुशियों से भरा रहा। जब वह अगले दिन वापस जादुगरी जंगल गया, तो वह गुब्बारे की बजाय अपने दोस्तों को देखने का फैसला किया।
जादुगरी जंगल का चमत्कार और मोहन की अद्भुत दोस्ती ने उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए साथ जोड़ दिया।
रंगीन बादल – Short Story For Kids In Hindi with Pictures
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक छोटा सा बच्चा रहता था। उसका नाम था रोहन। रोहन बहुत ही प्यारा और मस्ती से भरा बच्चा था। उसे अपने माता-पिता से बहुत प्यार था।
एक दिन, रोहन और उसके दोस्त खेलते हुए आसमान को देख रहे थे। आसमान में उड़ रहे बादलों को देखकर उन्हें बड़ा अच्छा लग रहा था।
हैरानी की बात ये थी कि, सभी बादल अलग-अलग रंगों में थे। हरे, पीले, नीले, लाल, सभी रंगों के बादल आसमान को रंगीन बना रहे थे। रोहन बहुत हैरानी से उन बादलों को देख रहा था।
फिर रोहन को एक विचित्र विचार आया। उसने अपने दोस्तों से पूछा , “क्या हम यहां से उड़ कर उन रंगीन बादलों को पानी फेंक सकते हैं?”
उसके दोस्त रोहन के विचार को समझ गए और सभी मिलकर उस प्लान को सच करने की तैयारी में लग गए।
रोहन और उसके दोस्त , गाँव के बाहर मौजूद एक ऊंची चट्टान के ऊपर चढ़ गए और उन्होंने गुब्बारों में रंगीन पानी भरकर उन बादलों पे फेंकना शुरू किया।
उनके फेंकने से पहले, बादल थोड़ा नरम हो गए और धीरे-धीरे आसमान से नीचे आने लगे।
रोहन और उसके दोस्त बच्चे बड़े ही खुश थे। वे देख रहे थे कि उनके रंगीन गुब्बारे से आसमान रंगीन हो रहा है। उन्होंने खुशी-खुशी तालियां बजाई।
रोहन और उसके दोस्त बच्चे ने रंगीन बादलों को पानी से भर दिया और थोड़ी देर बाद बादल फिर से आसमान में उड़ गए।
बादलों के रंगीन खेल को देखकर रोहन और उसके दोस्त बहुत खुश हुए। उन्हें लगा कि बादल भी उसके साथ खेल रहे हैं। रोहन को आसमान की खूबसूरती और बादलों के चमत्कार बहोत अच्छा लगा।
इस तरह, रोहन ने अपने दोस्तों के साथ रंगीन बादलों का खेल खुशी – ख़ुशी खेला। उन्हें अपनी खुशियों को बाँटने का और अच्छे समय बिताने का मजा आया।
जादूगर की दुकान – Happy Short Story in Hindi

एक छोटे से गांव में एक जादूगर रहता था। उसका नाम श्याम था। श्याम बच्चों के बीच बहुत मशहूर था क्योंकि उसकी दुकान पर बच्चों को हमेशा एक अलग सा जादू देखने को मिलता था। वह बच्चों को बहुत प्यार करता था और उन्हें अपनी जादूगरी का सबसे सच्चा दोस्त मानता था।
एक दिन, जब बच्चे श्याम की दुकान पर खेल रहे थे, तो वह उन्हें अपने नए जादुई खिलौने दिखाने के लिए बुलाता है।
जब बच्चे दुकान में पहुंचते हैं, तो श्याम उन्हें बड़े प्यार से अपने नए जादुई खिलौने दिखाता है। नया जादुई खिलौना बच्चों को बहुत पसंद आता है और वे उस खिलौने के साथ खूब खेलते हैं।
बच्चे श्याम से पूछते हैं, “श्याम चाचा, आपके पास इतने अच्छे-अच्छे जादुई खिलौने कहाँ से मिलते हैं?”
श्याम उनको कहता है, “मेरे प्यारे बच्चों, मैंने इन खिलौनों को खुद बनाए हैं। वे सभी मेरे जादू से ही चमत्कारी हो जाते हैं।”
बच्चे बहुत हैरान हो जाते हैं और उन्हें यकीन नहीं होता कि उन्हें भी ऐसे चमत्कारी खिलौने मिल सकते हैं।
श्याम अपने जादू से खिलौने को विभिन्न रंगों में बदलता है और उन्हें देखकर बच्चों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। उन्हें यह लगता है कि जादू सचमुच में अद्भुत होता है।
बच्चे जादुई खिलौने के मज़े लेते रहते हैं और श्याम को उन्हें खेलते देखकर बहुत खुशी होती है। वह अपने बच्चों के साथ हमेशा खुश रहता है और उन्हें चमत्कार का अनुभव करने का मौक़ा देता है।
इस तरह, श्याम की जादुई दुकान उन बच्चों के लिए एक सपनों की दुनिया बन जाती है, जहां वे खेलकर, मस्ती करके और चमत्कार के साथ अपना समय बिताते हैं।
भोली-भाली बहादुर चिड़िया की कहानी – Short Story In Hindi For Kids

एक भोली-भाली चिड़िया थी जिसका नाम परी था। परी एक बहुत ही प्यारी चिड़िया थी, लेकिन वह बहुत भोली भी थी। वह कभी भी जंगल में अकेले नहीं जाती थी, क्योंकि उसे पता था कि उसे किसी भी जानवर से खतरा हो सकता है।
एक दिन, परी जंगल में अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी। अचानक, वहां एक बड़ा सा बाज आ गया। बाज बहुत भूखा था, और उसने परी को अपना शिकार बना लिया। परी बहुत डर गई, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी। वह बाज के पंजों में फंस गई थी और वो दुष्ट बाज उसे बहोत दूर ले गया था।
बाज परी को एक सुनसान जगह पर ले गया और उसे खाने के लिए तैयार करने लगा। परी बहुत डर गई थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने सोचा, “मैं मरने नहीं जा रही। मैं किसी तरह से बचूंगी।”
परी ने जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज सुनकर, जंगल के सभी जानवर वहां आ गए। वे सभी बाज को देखकर बहुत गुस्सा हुए। उन्होंने एक साथ बाज पे हमला किया और उसे दूर भगा दिया।
परी बहुत खुश थी। उसने जान बचाई थी। वह सभी जानवरों का शुक्रगुजार थी। उसने उनसे कहा, “धन्यवाद। आपने मेरी जान बचाई।”
सभी जानवरों ने कहा, “तुम हमारी दोस्त हो। हम हमेशा तुम्हारी मदद करने को तैयार रहेंगे।”
परी बहुत खुश थी। उसने जंगल में सभी जानवरों के साथ दोस्ती कर ली। वह अब कभी अकेली नहीं जाती थी। वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ रहती थी।
परी एक बहुत ही भोली-भाली चिड़िया थी, लेकिन वह बहुत बहादुर भी थी। उसने जानवरों के साथ दोस्ती करके अपनी जान बचाई थी। परी आज एक बहुत ही खुश चिड़िया है और उसके ढेर सारे दोस्त हैं।
रोमांचक बंदर की कहानी – Short Stories In Hindi For Kids
घने जंगलों में एक रोमांचक बंदर था जिसका नाम टोनी था। टोनी बहुत ही रोमांचक बंदर था। वह हमेशा नए-नए कामों को करने के लिए उत्सुक रहता था।
जंगल के सभी जानवर टोनी से बहुत प्यार करते थे। वे उसे हर दिन खेलने के लिए बुलाते थे। टोनी हमेशा खेलने के लिए तैयार रहता था। वो बहुत ही खुशमिजाज बंदर था।
एक दिन, टोनी जंगल में घूम रहा था। तभी, उसने एक बड़ा सा पेड़ देखा। पेड़ बहुत ऊँचा था। टोनी ने सोचा कि अगर वह पेड़ पर चढ़ जाए तो वह बहुत ऊँचाई से देख सकता है।
टोनी ने पेड़ पर चढ़ना शुरू कर दिया। वो बहुत ऊंचाई पे पहुँच गया। उस ऊँचाई से वो दूर दूर तक देख सकता था। वो बहुत खुश था।
टोनी ने पेड़ पर चढ़ते हुए बहुत सारे नए-नए चीजें देखी। उसने पहाड़ों को देखा, नदियों को देखा, और जंगलों को देखा। उसने बहुत सारे नए-नए जानवरों को भी देखा।
टोनी पेड़ पर चढ़ते हुए बहुत खुश था। उसने बहुत सारे नए-नए चीजें देखी। ये साड़ी चीज़ें उसने पहले कभी नहीं देखी थी।
टोनी पेड़ से उतरने के बाद, वापस जंगल में चला गया। टोनी ने अपने सारे दोस्तों को अपने नए तजुर्बे के बारे में बताया। जंगल के सभी जानवर टोनी के अनुभव से बहुत खुश हुए। उन्होंने टोनी से कहा कि वो बहुत बहादुर बंदर है।
टोनी बहुत खुश था। उसने सोचा कि वह हमेशा नए-नए कामों को करने के लिए उत्सुक रहेगा। वह हमेशा रोमांचक रहेगा।
अनोखी खोज की कहानी – बच्चों की रोचक कहानियाँ
एक छोटा लड़का था जिसका नाम अंशुल था। अंशुल बहुत ही जिज्ञासु था, उसे हमेशा नई चीजें सीखने में मजा आता था।
एक दिन, अंशुल जंगल में घूम रहा था। वह एक पेड़ के नीचे बैठा था, जब उसने एक अजीब सी आवाज़ सुनी। उसने आवाज़ की तरफ देखा, तो उसने देखा कि एक छोटा सा प्राणी पेड़ के ऊपर बैठा है।
प्राणी बहुत ही प्यारा दिख रहा था। उसका शरीर छोटा और गोल था। उसके सिर पर बड़े-बड़े कान थे। उसके चेहरे पर एक लंबी और पतली नाक थी। उसके मुंह में छोटे-छोटे दांत थे।
अंशुल ने पहले कभी ऐसा प्राणी नहीं देखा था। उसने प्राणी को पास आने के लिए कहा। वो प्राणी अंशुल के पास आया और अंशुल ने उसे हाथ में उठा लिया।
प्राणी बहुत ही खुश हुआ। उसने अंशुल के गाल पर चूमा। अंशुल ने प्राणी को प्यार किया।
अंशुल ने प्राणी को घर ले गया और उसे खाना दिया। प्राणी बहोत भूखा था, उस ने सारा खाना खा लिया।
अंशुल ने प्राणी का नाम “टोनी” रखा। टोनी और अंशुल बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे हर दिन साथ खेलते थे।
एक दिन, अंशुल और टोनी जंगल में घूम रहे थे। तभी, उन्होंने एक बड़ा सा सांप देखा। सांप बहुत ही खतरनाक था।
अंशुल बहुत डर गया। लेकिन टोनी बहुत बहादुर था। उसने सांप पर हमला कर दिया। टोनी ने सांप को काट लिया और सांप मर गया।
अंशुल बहुत खुश हुआ। उसने टोनी को बधाई दी। आज टोनी ने अंशुल की जान बचाई थी
अंशुल और टोनी ने बहुत सारी अनोखी चीजें खोजीं। वे बहुत अच्छे दोस्त थे और वे हमेशा एक साथ रहे।
बिल्कुल सच्ची दोस्ती – Short Story For Kids In Hindi
एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था। उसका नाम राजू था। राजू बहुत खुश मिजाज़ और मिलनसार बच्चा था। उसके पड़ोस में एक और लड़का रहता था, जिसका नाम सोहन था। सोहन भी राजू की ही तरह अच्छा और खुशनुमा बच्चा था।
राजू और सोहन दोनों ही बचपन से दोस्त थे। वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते, मिलते, और मस्ती करते रहते थे। उनकी दोस्ती बिल्कुल सच्ची थी।
एक दिन, राजू को एक बड़ी मुहकिल में फंस गया। स्कूल से वापस आते वक़्त राजू सड़क के किनारे एक बहोत गहरे गड्ढे में गिर गया। राजू को न सिर्फ बहोत चोट लगी थी बल्कि इसके साथ ही उस गड्ढे से निकल पाने में भी वो असफल रहा था।
राजू ने मदद के लिए ज़ोर – ज़ोर से आवाज़ तो लगाई लेकिन दूर दूर तक कोई भी नहीं था इसलियए कोई उसे बचाने नहीं आ पाया।
ऐसे में राजू ने अपने दोस्त सोहन को फ़ोन करके अपनी परेशानी बताई। सोहन तुरंत राजू की मदद के लिए आ गया। उसने राजू को हौसला दिया और उसे समझाया कि अब सब ठीक हो जाएगा।
सोहन ने एक लम्बी सी रस्सी सड़क के किनारे एक बड़े पेड़ से बाँध के उसका दूसरा सिरा उस गड्ढे में लटका दिया। उधर सोहन के आ जाने से राजू में भी आत्म विश्वाश बढ़ गगया था।
राजू ने रस्सी पकड़ा और धीरे – धीरे सावधानी से गड्ढे से बाहर आ गया । राजू बहुत खुश और सोहन का आभारी था कि उसके पास एक ऐसा सच्चा दोस्त है, जिसने उसकी मदद की।
गड्ढे से बाहर आते ही सोहन ने राजू को गगले लगा लिया। प्यारे दोस्तों की दोस्ती और मज़बूत हो गयी। उन्होंने वादा किया कि वे एक-दूसरे का साथ हमेशा देंगे।
इस तरह, राजू और सोहन की सच्ची दोस्ती उन्हें हमेशा आपसी ख़ुशियों, और आनंद के पलों को एक दूसरे के साथ बांटने के लिए और गहरी हो गयी। उनकी दोस्ती के चर्चे सब करने लगे, राजू और सोहन के ेमाता पिता भी उनकी दोस्ती से बेहद खुश हैं।
समझदार हाथी की कहानी – Very Short Story In Hindi

एक समझदार हाथी था। उसका नाम ब्रूनो था। ब्रूनो बहुत समझदार था। वह जंगल के सभी जानवरों से बात कर सकता था। वह जंगल में होने वाली हर चीज़ के बारे में जानता था।
एक बार , जंगल में भयंकर सूखा पड़ गया। जंगल के सभी पेड़ सूख गए और सभी नदियाँ सूख गईं। जानवरों के पास पानी और भोजन नहीं था। वे बहुत प्यासे और भूखे थे।
ऐसे में ब्रूनो ने सोचा, “मैं जानवरों की मदद करूंगा।”
ब्रूनो ने सभी जानवरों को एक साथ बुलाया और कहा, “हम सब मिलकर सूखे से लड़ेंगे।”
ब्रूनो ने सभी जानवरों को बताया कि उन्हें पानी लाने के लिए एक नदी खोदनी होगी। सभी जानवरों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया। वे दिन-रात काम करते रहे।
कुछ दिनों बाद, नदी खोद ली गई। सभी जानवरों ने नदी से पानी पिया और खुश हो गए।
ब्रूनो ने जानवरों को बताया, “यह नदी हमारी है। हमें इसे साफ और सुरक्षित रखना होगा।”
सभी जानवरों ने ब्रूनो की बात मान ली। वे सारे नदी को साफ और सुरक्षित रखते थे।
ब्रूनो एक बहुत समझदार और दयालु हाथी था। उसने जानवरों को सूखे से बचाया और उन्हें एक नई नदी दी। वह जंगल के सभी जानवरों का दोस्त था।
रंग-बिरंगे पर्वत – Hindi Short Story For Kids
बहोत पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक बड़ा सा रंग-बिरंगा पर्वत था। इस पर्वत की चोटी पर अनेक तरह के रंग दिखते थे। हरा, पीला, नीला, लाल, और भी बहुत से रंग इस पर्वत को बाकी पर्वतों से अलग और रंगीन बनाते थे।
गांव के बच्चे रोज़ इस पर्वत के पास खेलने जाते थे। उन्हें खेलता देखकर पर्वत खुश हो जाता था और अपने रंग को बदल देता था। बच्चे खुशी से उस पर्वत के चारों ओर भागने लगते और खूब खेलते, खूब मस्ती करते।
एक बार, गर्मी के मौसम में, सारे बच्चे जब खेलने पहुंचे तो, पर्वत उन्हें अपने चोटी पर आने से रोक दिया।
पर्वत ने बच्चों से कहा, “मेरे प्यारे बच्चों, आज मैं तुम्हें रंग-बिरंगे खेल नहीं दिखा सकता। मेरे पास अभी पानी नहीं है और मैं बिना पानी के अपना रंग नहीं बदल सकता।”
सारे बच्चे बहुत दुखी हो गए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि अब वे पर्वत के साथ रंग-बिरंगे खेल नहीं पाएंगे।
तभी वहां एक बूढी औरत आई और बच्चों को दुखी देखकर उनकी परेशानी समझ गई। उस बूढी औरत ने बच्चों को एक खास से पौधे की चादर दी और कहा, “यह पौधा रंग-बिरंगे पर्वत का छोटा भाई है। इसके पास बहुत सारा पानी है और यह भी रंग बदल सकता है।”
बच्चे खुशी से पौधे की उस चादर के साथ खेलने लगे। अब वे हर रंग के साथ खेल सकते थे। पौधे ने उन्हें नए-नए रंग दिखाए और उन्हें खुश किया।
सारे बच्चों और पौधे के बीच दोस्ती हो गई। वे हर दिन खेलते और मिलते रहे। उनकी खुशियाँ देखकर पर्वत भी खुश हो गया और उसके चोटी पर फिर से रंग-बिरंगे खेल खेल होने लगे।
प्यारे दोस्तों अब एक very short story in hindi, आपको ये very short story, खूब पसंद आएगी।
चंचल कुत्ते की कहानी – Short Story For Kids In Hindi
एक बहोत ही चंचल कुत्ता था जिसका नाम स्कूबी था। स्कूबी बहुत ही चंचल कुत्ता था, वो हमेशा दौड़ता रहता था और खेलता रहता था। वो कभी भी थकता नहीं था।
स्कूबी का मालिक एक छोटा सा बच्चा था जिसका नाम टोनी था। टोनी और स्कूबी बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हर दिन एक साथ खेलते थे। वे क्रिकेट खेलते थे, फुटबॉल खेलते थे, और कैच – कैच खेलते थे। वे बहुत खुश थे।
एक दिन, टोनी और स्कूबी पार्क में खेल रहे थे। तभी, उन्होंने एक बड़ा सा कुत्ता देखा। बड़ा कुत्ता बहुत गुस्से में था। वह भौंक रहा था और दौड़ रहा था।
टोनी और स्कूबी बहुत डर गए। वे भागने लगे। लेकिन बड़ा कुत्ता उनसे तेज था। वह टोनी के पास पहुंच गया और उस पर झपट पड़ा।
स्कूबी ने देखा कि टोनी को खतरा है। उसने सीधे उस बड़े कुत्ते पर हमला कर दिया। स्कूबी ने बड़े कुत्ते को काटा और उसे दूर भगा दिया।
टोनी बच गया और बहुत खुश था। उसने स्कूबी को बहुत धन्यवाद दिया। उसने कहा, “तुमने मेरी जान बचाई।”
स्कूबी बहुत खुश था। वह टोनी का अच्छा दोस्त था। उसने टोनी की जान बचाई थी। वह एक बहुत ही बहादुर कुत्ता था।
टोनी और स्कूबी ने उस दिन के बाद से कभी भी एक दूसरे को नहीं छोड़ा। वे हमेशा एक साथ रहे। वे दोनों और भी गहरे और बहुत अच्छे दोस्त बन गए ।
रंगों का राजा – 1 Minute Short Story in Hindi
एक छोटे से गांव में एक रंग-बिरंगे फूलों से भरी हुई बगिचा थी। वहां अनेक प्रकार के सुंदर फूल खिलते थे। उस बगीचे में एक अद्भुत गुलाबी फूल था, जो बाकी सभी फूलों का राजा था। सभी फूल उसे रंगों का राजा कहते थे।
गांव के बच्चे रोज़ उस बगीचे में खेलने जाते थे। उन्हें रंगों का राजा देखकर बड़ी खुशी होती थी। उन्होंने उसका साथ खेलना शुरू किया और उससे बहुत कुछ सीखा।
एक दिन, बच्चे रंगों के राजा से पूछते हैं, “आप इतने सुंदर और रंगीन कैसे हो जाते हैं?”
रंगों का राजा उत्तर देता है, “मेरे प्यारे बच्चों, मैं खुद को खुश और प्रसन्न रखने के लिए प्रतिदिन सूर्य के साथ खेलता हूँ। सूर्य की किरणें मुझे रंगीन बनाती हैं।”
बच्चे बहुत चकित हो जाते हैं और रंगों के राजा से पूछते हैं, “हम भी आपकी तरह रंगीन कैसे बन सकते हैं?”
रंगों का राजा हँसते हुए उत्तर देता है, “बिल्कुल संभव है! तुम भी प्रतिदिन सूर्य के साथ खेलो और सूर्य की किरणों को अपने साथ लो। तुम भी रंगीन हो जाओगे।”
बच्चे खुशी-खुशी सूर्य के साथ खेलना शुरू करते हैं और सूर्य की किरणों को अपने हाथों में समेटकर रंग-बिरंगे बन जाते हैं।
जादूगर की मित्रता – Short Story For Kids In Hindi

एक छोटे से गांव में एक जादूगर रहता था। उसका नाम राजू था। राजू जादू सीखने में बहुत रुचि रखता था और उसके पास अद्भुत जादू करने की शक्ति थी।
एक दिन, जब राजू अपने जादू से खेल रहा था, तो उसने एक छोटे से बच्चे को देखा। वो बच्चा बहुत रो रहा था क्योंकि उसकी खिलौने गिर के टूट गए थे।
राजू बहुत ही दयालु था और वो बच्चे की परेशानी को देखकर दुखी हो गया। उसने बच्चे को प्यार किया और उसकी अपने जादू से एक नया खिलौना बनाकर उस बच्चे को दिया। नया खिलौना पाते ही बच्चा बहुत खुश हो गया और राजू के साथ खेलने लगा।
दोनों बच्चे एक-दूसरे के साथ खेलते और मिलते रहे। उनकी मित्रता दिन-ब-दिन मज़बूत होती गई। वे हमेशा एक-दूसरे का साथ देते और एक-दूसरे के साथ अपने ख़ुशियाँ और दुख साझा करते।
एक दिन, बच्चा बहुत रो रहा था क्योंकि उसका जन्मदिन था और उसके पास खिलौने नहीं थे। राजू ने जादू से उसे एक ख़ास सा खिलौना दिया। बच्चा बहुत खुश हो गया और राजू को अपने माता पिता से मिलवाया।
बच्चे के माता पिता ने राजू का आभार प्रकट किया और जन्मदिन का केक और मिठाईयां खिलाई।
वे दोस्त बने रहे और अपने जीवन के हर पल को एक-दूसरे के साथ खुशियों से सजाते गए। उनकी मित्रता जादूगर की जादू से भी अद्भुत और मज़बूत होती गई।
इस तरह, राजू ने अपने जादूगरी का उपयोग अच्छे कामों में किया और दुनिया में एक सच्ची और ख़ुशियों से भरी मित्रता की नीवं डाली। एक सच्चे दोस्त का साथ हमेशा आपके जीवन को खुशियों से भर देता है।
एक दिलचस्प अनुभव | Short Story For Kids In Hindi
एक बार की बात है, एक छोटा लड़का था जिसका नाम बंटी था। बंटी बहुत ही दिलचस्प था। उसे हमेशा नए और अनोखे अनुभवों में रुचि होती थी।
एक दिन, बंटी अपने घर के पास एक पार्क में खेल रहा था। उसने देखा कि एक बड़ा सा पेड़ गिर गया है। बंटी ने पेड़ को देखा और उसे बहुत ही अजीब लगा। उसने पहले कभी ऐसा पेड़ नहीं देखा था।
बंटी ने पेड़ के पास जाकर उसे छुआ। पेड़ बहुत नरम था। उसने पेड़ के पत्तों को देखा। पत्ते बहुत बड़े और हरे थे।
बंटी ने पेड़ के बारे में बहुत कुछ सीखा। उसने सीखा कि पेड़ बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे हमें ऑक्सीजन देते हैं और वे हमें छाया देते हैं। वे हमें भोजन भी देते हैं।
बंटी ने पेड़ को बहुत पसंद किया। वह हर दिन पेड़ के पास जाता था और उसे देखता था। उसने पेड़ के बारे में बहुत कुछ सीखा और उसने पेड़ को बहुत प्यार किया।
एक दिन, बंटी पेड़ के पास बैठा था और उसने सोचा कि वह पेड़ के साथ खेलना चाहता है। उसने एक पेड़ के तने को पकड़ा और उसने पेड़ के साथ खेलना शुरू कर दिया।
बंटी पेड़ के साथ बहुत मज़े कर रहा था। वह पेड़ के साथ दौड़ रहा था और वह पेड़ के साथ छिपा-छिपी खेल रहा था। वह पेड़ के साथ बहुत खुश था।
अचानक, बंटी का पैर पेड़ के तने से टकराया और वह गिर गया। वह बहुत चोटिल हो गया। वह रोने लगा।
बंटी के माता-पिता दौड़कर आए और उन्होंने उसे अस्पताल ले गए। अंशुल को बहुत सारी दवाइयां दी गईं और वह जल्द ही ठीक हो गया।
बंटी ने अपनी चोट से बहुत कुछ सीखा। उसने सीखा कि हर चीज के साथ सावधानी से खेलना चाहिए। उसने सीखा कि पेड़ बहुत मजबूत होते हैं, लेकिन वे भी बहुत नाज़ुक होते हैं।
बंटी ने पेड़ों का बहुत सम्मान करना सीख लिया। वह पेड़ों के पास जाता और उन्हें देखता था। वो पेड़ों को बहुत प्यार करने लगा था।
डरपोक बिल्ली की कहानी – Short Story For Kids In Hindi
बच्चों ये एक डरपोक बिल्ली की कहानी है। जो अपने डर से लड़ के बहादुर बन जाती है।
एक डरपोक बिल्ली थी जिसका नाम “मिस्सी” था। मिस्सी एक बहुत प्यारी बिल्ली थी, लेकिन वो बहुत डरपोक भी थी। वो कभी भी किसी भी चीज़ से डर जाती थी, फिर चाहे वह एक छोटा सा चूहा हो या एक बड़ा सा कुत्ता।
एक दिन, मिस्सी घर के बाहर खेल रही थी जब उसने एक चूहे को देखा. चूहा बहुत ही छोटा था, लेकिन मिस्सी बहुत डर गई. वह इतनी डर गई कि वह दौड़कर घर के अंदर भाग गई और अपनी बिल्ली वाली टोपी के पीछे छिप गई।
मिस्सी की मालकिन, अंजलि आंटी, बहुत हैरान थीं। उन्होंने कभी मिस्सी को इतना द्वारा हुआ नहीं देखा था। उन्होंने मिस्सी से पूछा, “तुम इतनी डर क्यों गई हो?”
मिस्सी ने कांपती हुई आवाज़ में कहा, “मैंने एक चूहे को देखा. मैं बहुत डर गई.”
अंजलि आंटी ने हंसते हुए कहा, “एक छोटे से चूहे से डरने की कोई बात नहीं है। तुम एक बड़ी और शक्तिशाली बिल्ली हो।”
लेकिन मिस्सी का डर काम नहीं हुआ।
एक दिन, मिस्सी घर के बाहर खेल रही थी जब उसने एक कुत्ते को देखा. कुत्ता बहुत बड़ा था, और मिस्सी बहुत डर गई। वह इतनी डर गई कि वह दौड़कर एक पेड़ पर चढ़ गई और वहीं बैठी रही।
कुत्ता मिस्सी को देखकर गुर्राने लगा। मिस्सी बहुत डर गई, लेकिन वो पेड़ से नीचे नहीं उतरी। वो वहीं बैठी रही, और कुत्ता उसे देखके गुर्राता रहा.
कुछ देर बाद, कुत्ता थक कर वहां से चला गया। मिस्सी बहुत डर गई थी, लेकिन वो बहुत खुश भी थी कि वह बच गई. उसने सोचा, “मैं अब डरपोक नहीं रहूंगी. मैं किसी भी चीज़ से नहीं डरूंगी।”
मिस्सी घर में गई और अपनी मालकिन को बताया कि वह अब डरपोक नहीं है। अंजलि आंटी बहुत खुश हुईं। उन्होंने मिस्सी को एक खिलौना दिया और कहा, “ये तुम्हारे लिए है. तुम अब एक बहादुर बिल्ली हो.”
मिस्सी बहुत खुश थी। उसने अपने नए खिलौने से खेला शुरू किया, और वो अब किसी भी चीज़ से नहीं डरती थी। वह एक बहादुर बिल्ली बन गई थी।
अगले दिन, मिस्सी घर के बाहर खेल रही थी जब उसने एक चूहे को देखा. चूहा बहुत छोटा था, लेकिन मिस्सी नहीं डरी। वह दौड़कर चूहे के पास गई और उसे पकड़ लिया।
मिस्सी ने चूहे को अपनी मालकिन को दिखाया. अंजलि आंटी बहुत खुश हुईं। उन्होंने मिस्सी की तारीफ की और कहा, “तुम एक बहुत ही बहादुर बिल्ली हो।”
मिस्सी बहुत खुश थी. उसने जान लिया था कि वह किसी भी चीज़ से नहीं डरती। अब वो एक बहादुर बिल्ली बन गई थी।
रहस्य्मयी जंगल की कहानी – Short Stories In Hindi For Kids

एक बार की बात है, एक रहस्यमय जंगल था। जंगल बहुत बड़ा और बहोत घना था। जंगल में बहुत सारे पेड़ थे, और पेड़ों के बीच बहुत सारी झाड़ियाँ थीं। जंगल में बहुत सारे जानवर भी थे, लेकिन वे बहुत डरपोक थे। वे कभी भी इंसानों के पास नहीं आते थे।
एक दिन, एक छोटा बच्चा नाम अंशुल जंगल में गया। अंशुल बहुत छोटा था। वह अभी भी स्कूल नहीं जाता था। अंशुल को जंगल में खेलना पसंद था। वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ जंगल में जाता था। लेकिन इस बार, अंशुल अकेला था।
अंशुल जंगल में घूम रहा था। वो पेड़ों और झाड़ियों को देख रहा था। वह बहुत खुश था। वो जंगल में बहुत सारी नई चीजें देख रहा था।
अचानक, अंशुल ने एक बड़ा सा सांप देखा। सांप बहुत लंबा और मोटा था। सांप का रंग काला था। सांप अंशुल की तरफ बढ़ रहा था।
अंशुल बहुत डर गया। वह भागना चाहता था, लेकिन वह डर की वजह से नहीं भाग पाया। सांप अंशुल के बहुत करीब आ गया।
अचानक, एक बड़ा सा बंदर पेड़ से नीचे आया। बंदर बहुत गुस्सा में था। उसने सांप पर हमला कर दिया। बंदर ने सांप को काट लिया और सांप को मार डाला।
अंशुल बहुत खुश हुआ। उसने बंदर को धन्यवाद दिया। बंदर अंशुल को जंगल से बाहर ले गया।
अंशुल घर गया और अपने माता-पिता को सारी घटना बताई। अंशुल के माता-पिता बहुत खुश हुए। उन्होंने अंशुल को सांप से बचाने के लिए बंदर का धन्यवाद किया।
अंशुल ने उस दिन सीखा कि जंगल में बहुत सारे ख़तरनाक जानवर हैं। लेकिन जंगल में अच्छे जानवर भी हैं। वे हमें ख़तरों से बचाते हैं। हमें हमेशा जंगल में सावधान रहना चाहिए।
मज़ेदार चिड़िया की कहानी – बच्चों की नई कहानियां – Short Story For Kids In Hindi
एक प्यारी सी चिड़िया थी जिसका नाम चिम्प्स था। चिम्प्स बहुत ही खुशहाल चिड़िया थी। वह हमेशा हंसती रहती थी और दूसरों को हंसाती रहती थी।
चिम्प्स एक जंगल में रहती थी। जंगल के सभी जानवर चिम्प्स से बहुत प्यार करते थे। वे उसे हर दिन खेलने के लिए बुलाते थे। चिम्प्स हमेशा खेलने के लिए तैयार रहती थी। वह बहुत ही खुश चिड़िया थी।
एक दिन, चिम्प्स जंगल में खेल रही थी। तभी, उसने एक बड़ा सा सांप देखा। सांप बहुत डरावना था। चिम्प्स बहुत डर गई। उसने सोचा कि सांप उसे खा जाएगा।
लेकिन चिम्प्स एक बहुत ही समझदार चिड़िया भी थी। उसने सोचा कि अगर वह सांप को हंसा देगी तो सांप उसे नहीं खाएगा।
चिम्प्स ने सांप के पास जाकर कहा, “हैलो सांप, तुम बहुत सुंदर हो।”
सांप बहुत आश्चर्यचकित हुआ। उसने कभी किसी चिड़िया को ऐसा कहता नहीं देखा था।
सांप ने कहा, “धन्यवाद। लेकिन मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा।”
चिम्प्स ने कहा, “मैं जानती हूं। क्योंकि तुम बहुत अच्छे हो।”
सांप बहुत खुश हुआ। उसने चिम्प्स को नहीं खाया।
चिम्प्स और सांप बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे हर दिन खेलते थे। वे बहुत खुश थे।
चिम्प्स सचमुच एक समझदार चिड़िया थी। उसने सांप को हंसाकर खुद को बचाया था। वह एक बहुत ही अच्छी दोस्त भी थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी।
चिम्प्स के दोस्त बहुत खुश थे। वे उसे बहुत प्यार करते थे। वे बहुत भाग्यशाली थे कि उनके पास चिम्प्स जैसी दोस्त थी।
चमत्कारी रंग – Short Story For Kids In Hindi
एक छोटे से गांव में एक रहस्यमय जंगल था। उस जंगल में एक चमत्कारी रंग था, जो बाकी सभी रंगों से अलग था। यह रंग सिर्फ एक बार दिखता और फिर गायब हो जाता था।
एक दिन, गांव के एक बच्चे ने उस रंग को देखा। वह रंग बहुत खूबसूरत था और बच्चे को उसकी खूबसूरती ने मोह लिया। उसने दूसरे बच्चों को भी उस रंग के बारे में बताया।
फिर क्या था, सारे बच्चे उस रंग को ढूंढने निकल पड़े। उन्होंने जंगल के हर कोने में खोज की, परंतु उन्हें वो रंग नहीं मिला। आखिर हार के उन्होंने गाँव लौटने का फैसला किया।
एक रात, जब सभी बच्चे सो रहे थे, तो बस जैसे चमत्कार हो गया। उन्होंने एक रंग-बिरंगे पर्वत को देखा। वह पर्वत जैसे सोने के विशाल पर्वत की तरह खड़ा था। उसके ऊपर के बादल भी रंग-बिरंगे बन गए। सारे बच्चे ये देखकर हैरान रह गए।
पर्वत ने बच्चों को बुलाया और कहा, “तुम लोगों ने मुझे ढूंढ लिया। मैं चमत्कारी रंग का राजा हूँ। मेरे रंग को देखने से हर किसी को ख़ुशी मिलती है। लेकिन मेरे रंग को देखने के लिए सच्चे दिल से आँखें खोलनी होती हैं।”
बच्चे आँखें खोलकर रंग को देखते हैं और ख़ुशी के साथ एक दूसरे से गले मिलते हैं। रंगों ने उन्हें बताया कि वे उस रंग को सभी के साथ बाँटें और ख़ुशियों के पलों का आनंद उठाएं।
बच्चों ने सभी के साथ रंग बाँटे। गांव में ख़ुशी का माहौल बन गया। सारे लोग सच्चे दिल से अपनी अपनी आँखें खोलके चमत्कारी रंग को देखने लगे।
इस तरह, चमत्कारी रंग ने उन बच्चों को असली ख़ुशी की पहचान सिखाई और सभी के दिलों में ख़ुशियों छा गई। उन्होंने जान लिया कि असली चमत्कार वह है जो उन्हें सबके साथ बाँटने से और ख़ुश होने से होता है।
प्राचीन मंदिर की कहानी – Short Story For Kids In Hindi
एक प्राचीन मंदिर था। यह मंदिर बहुत पुराना था। यह मंदिर बहुत बड़ा था। मंदिर बहुत ही सुंदर और बहुत प्रसिद्ध था।
यह मंदिर एक जंगल में था। जंगल बहुत बड़ा था। जंगल बहुत घना था। जंगल में बहुत अँधेरा था। और इस लिए बहुत डरावना लगता था।
एक दिन, एक छोटा बच्चा नाम अंशुल मंदिर देखने गया। अंशुल बहुत छोटा था। अंशुल बहुत बहादुर और बहुत उत्सुक बच्चा था।
अंशुल मंदिर में गया। मंदिर बहुत सुंदर था। अंशुल मंदिर में बहुत खुश था। वो मंदिर में बहुत देर तक रहा।
अचानक, अंशुल ने मंदिर में एक आवाज़ सुनी। आवाज़ बहुत डरावनी थी। अंशुल बहुत डर गया। लेकिन अंशुल ने डर से हार नहीं मानी।
अंशुल ने आवाज़ की तरफ देखा। उसने देखा कि एक बड़ा सा राक्षस खड़ा है। राक्षस बहुत डरावना था। राक्षस बहुत शक्तिशाली था।
राक्षस ने अंशुल को देखकर कहा, “तुम यहाँ क्यों आए हो?”
अंशुल ने कहा, “मैं मंदिर देखने आया हूँ।”
राक्षस ने कहा, “तुम यहाँ नहीं रह सकते।”
अंशुल ने कहा, “मैं जा रहा हूँ।”
अंशुल ने भागने की कोशिश की। लेकिन राक्षस ने अंशुल को पकड़ लिया।
राक्षस ने अंशुल को कहा, “अब तुम मेरे साथ रहोगे।”
अंशुल बहुत डर गया। लेकिन अंशुल ने हार नहीं मानी।
अंशुल ने राक्षस से कहा, “मुझे जाने दो।”
राक्षस ने कहा, “नहीं।”
अंशुल ने कहा, “मैं तुम्हें मार दूँगा।”
राक्षस ने हँसते हुए कहा, “तुम मुझे नहीं मार सकते।”
अंशुल ने कहा, “मैं कोशिश तो कर ही सकता हूँ।”
अंशुल ने राक्षस पर हमला किया। अंशुल ने राक्षस को बहुत मारा। राक्षस बहुत ज़्यादा घायल हो गया। राक्षस भाग गया।
अंशुल बहुत खुश था। उसने राक्षस को हराया था। वह मंदिर से बाहर निकल गया। वह घर चला गया।
अंशुल ने घर जाकर अपने माता-पिता को सारी घटना बताई। अंशुल के माता-पिता बहुत खुश हुए।
अंशुल ने उस दिन सीखा कि डर को कभी नहीं हारना चाहिए। डर को हमेशा जीतना चाहिए।
बच्चों की मस्ती – Short Story For Kids In Hindi
एक गांव में बहुत सारे बच्चे रहते थे। वे सब आपस में खूब खेलते, खूब हँसते, और खूब मस्ती किया करते थे। उनकी खुशियों का राज उनकी मस्ती में छुपा था।
एक दिन, बच्चे एक नदी के पास खेल रहे थे। वे पतंग उड़ाने, नाचने, और खेलने में मस्त थे। तभी दूर से एक बूढी औरत आई और बच्चों की मस्ती को देखकर मुस्कराई। उसने बच्चों को देखा और पूछा, “तुम लोग इतने खुश कैसे हो?”
एक बच्चा बोला, “आप हमें खेलते और हँसते हुए देखकर खुश हो सकती हैं। हम रोज़ खेलते हैं और दोस्तों के साथ ढेर साड़ी मस्ती करते हैं।”
बूढी औरत बोली, “तुम्हारे पास इतनी मस्ती कहाँ से आती है?”
एक और बच्चा बोला, “हम छोटे से छोटे खुशियाँ में ख़ुश हो जाते हैं। हम खेलने में, पढ़ाई में, और अपने माता-पिता के साथ समय बिताने में खुश रहते हैं।”
बूढी औरत ये सुनकर अचानक एक चमत्कारी झोपड़ी लाई और उसे बच्चों को दिखाया। झोपड़ी में बच्चों के खेलने के लिए नए-नए खिलौने थे।
बूढी औरत ने कहा, “यह झोपड़ी चमत्कारी है। इसमें तुम्हें हमेशा खुश रहने की शक्ति मिलेगी। इसे तुम सभी के साथ बाँटो।”
बच्चे बहुत खुश हो गए और झोपड़ी के खिलौने के साथ खेलने लगे। वे हर दिन उस चमत्कारी झोपड़ी में मिलकर खेलते और हँसते रहते। उनकी मस्ती और खुशियाँ और भी बढ़ गई।
इस तरह, बच्चों ने उस चमत्कारी झोपड़ी के साथ एक रंगीन और ख़ुशनुमा जीवन बिताया। उन्होंने सिखाया कि छोटी-छोटी खुशियाँ ही उन्हें असली ख़ुशी देती हैं और उन्हें सभी के साथ बाँटने से होती हैं।
बच्चों, ये सारी short story with moral हैं, इन सारी कहानियों में आपको एक शिक्षा मिलती है। आपको इन कहानियों से जो शिक्षा मिलती है उसका अपने जीवन में हमेशा पालन करें।
दयालु हाथी की कहानी – Short Story For Kids In Hindi
एक जंगल में एक दयालु हाथी रहता था। उसका नाम गणेश था। गणेश यूँ तो बहुत बड़ा और शक्तिशाली हाथी था, लेकिन वह बहुत दयालु भी था। वो हमेशा दूसरों की मदद करता था।
एक दिन, गणेश जंगल में घूम रहा था। तभी, उसने एक छोटी सी चिड़िया को देखा। चिड़िया बहुत बीमार थी और वह उड़ नहीं पा रही थी।
गणेश चिड़िया के पास गया और उसे उठा लिया। उसने चिड़िया को एक पेड़ पर ले जाकर उसे एक घोंसला बना के रख दिया। गणेश ने चिड़िया को खाना और पानी दिया और उसे आराम करने दिया।
कुछ दिनों बाद, चिड़िया ठीक हो गई। उसने गणेश को धन्यवाद दिया और उड़कर चली गई।
गणेश बहुत खुश था। उसने सोचा, “मैं बहुत खुश हूं कि मैंने चिड़िया की मदद की।”
गणेश ने जंगल में और भी कई जानवरों की मदद की। उसने एक घायल शेर को ठीक किया, एक भटकती हुई बकरी को उसके घर वापस पहुंचाया, और एक बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाया।
गणेश के दयालु कार्यों से जंगल के सभी जानवरों ने उसे बहुत प्यार किया। वे सभी गणेश को अपना दोस्त मानते थे।
एक दिन, जंगल में एक भयंकर सूखा पड़ गया। सभी पेड़ सूख गए और सभी नदियाँ सूख गईं। जानवरों के पास पानी और भोजन नहीं था। वे बहुत प्यासे और भूखे थे।
गणेश ने सोचा, “मैं जानवरों की मदद करूंगा।”
गणेश ने अपने सूंड का इस्तेमाल करके पानी लाना शुरू कर दिया। उसने जानवरों को पानी पिलाया और उन्हें भोजन दिया।
गणेश के दयालु कार्यों से जानवरों को बहुत राहत मिली। वे सभी गणेश के लिए बहुत आभारी थे।
गणेश एक बहुत ही दयालु और उदार हाथी था। वह हमेशा दूसरों की मदद करता था। वह जंगल के सभी जानवरों का दोस्त था।
प्यारी बिल्ली की कहानी – बच्चों की रात की कहानियां – दिलचस्प और मज़ेदार
एक प्यारी बिल्ली थी जिसका नाम जूली था। जूली बहुत ही प्यारी बिल्ली थी। वह हमेशा खिलखिलाती रहती थी और हर किसी को खुश कर दिय्या करती थी।
जूली एक छोटे से गांव में रहती थी। गांव के सभी लोग जूली से बहुत प्यार करते थे। वे उसे हर दिन खाना और पानी देते थे। वे उसे खेलने के लिए खिलौने भी देते थे।
जूली के दिन बहुत ख़ुशी ख़ुशी काट रहे थे। वह हर दिन गांव में घूमती थी और लोगों के साथ खेलती थी। वह हमेशा लोगों को हंसाती थी।
एक दिन, जूली गांव में घूम रही थी। तभी, उसने एक छोटी सी बच्ची को रोते हुए देखा। बच्ची बहुत दूर से गांव में आई थी और उसे अपने घर का रास्ता नहीं पता था।
जूली ने बच्ची के पास जाकर पूछा, “तुम क्यों रो रही हो?”
बच्ची ने कहा, “मैं अपने घर का रास्ता नहीं खोज पा रही हूं।”
जूली ने कहा, “चिंता मत करो, मैं तुम्हें तुम्हारे घर पहुंचा दूंगी।”
जूली ने बच्ची को अपने साथ लेकर गांव में घूमना शुरू कर दिया। उन्होंने सभी लोगों से पूछा कि बच्ची का घर कहां है। कुछ लोगों ने बच्ची के घर का रास्ता बताया।
जूली ने बच्ची को उसके घर पहुंचा दिया। बच्ची की मां बहुत खुश हुई। उसने जूली को बहुत धन्यवाद दिया और उसे खाने को केक भी दिया।
जूली एक बहुत ही अच्छे दिल वाली बिल्ली थी। उसने बच्ची की मदद की और उसे उसके घर पहुंचा दिया। वह गांव के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा थी।
रंग-बिरंगा जहाज़ – Short Stories For 4 Year Olds In Hindi
एक गांव में एक छोटा सा बच्चा राहुल रहता था। राहुल बहुत उत्साही और जिज्ञासु था। वो खुद जहाज़ चलाने का सपना देखता था। वह रंग-बिरंगे जहाज़ की तस्वीरें देखकर ख़ुशी से झूम उठता था।
एक दिन, उसके गांव में एक मेला आया। मेले में एक चमत्कारी ज़ाहिरा भी था। राहुल बड़ी उत्साह से मेले को गया।
मेले में, राहुल ने एक दरबारी देखा जो चमत्कारी ज़ाहिरे को चला रहा था। राहुल ने दरबारी से बात करनी शुरू की और उसे बताया कि उसका सपना है रंग-बिरंगे जहाज़ को चलाने का।
दरबारी ने राहुल को एक चमत्कारी ज़ाहिरा दिया और कहा, “यह ज़ाहिरा तुम्हारे सपने को पूरा करेगा। जब तुम इसे हिलाओगे, तो रंग-बिरंगे जहाज़ तुम्हारे सामने हो जाएगा।”
राहुल ने ज़ाहिरा को हिलाया और जो हुआ उसे देखकर वो दंग रह गया ? वाह! रंग-बिरंगे जहाज़ उसके सामने खड़ा हो गया। राहुल ये देखकर बहोत खुश हुआ।
राहुल ने वो जहाज़ चलाना शुरू किया। वह जहाज़ रंग-बिरंगे फूलों से सजा हुआ था। उसने अपने दोस्तों को भी उस जहाज़ में बिठाया और सबके साथ ख़ुशियाँ मनाई।
राहुल का जहाज चलाने का सपना पूरा हो गया। वह अब हर रोज़ अपने रंग-बिरंगे जहाज़ के साथ ख़ुशियों से भरा सफ़र करता था। वह और उसके दोस्त अब जहाज़ के साथ खेलने का आनंद उठाते थे।
इस तरह, राहुल ने अपने ज़ाहिरे की मदद से अपने सपने को पूरा किया और रंग-बिरंगे जहाज़ में ख़ुशियों के सफ़र को जीते हुए बच्चों को दिखाया कि सपने साकार करने की शक्ति सिर्फ ज़िन्दगी की खुशियों के साथ है।
Final Words on Short Story For Kids In Hindi
तो बच्चों आज Short Story For Kids In Hindi में यहीं तक। आपके रॉबिन अंकल फिर से आपके लिए नयी कहानियाँ लेके बहोत जल्दी आएंगे। आपको बच्चों के लिए हिंदी कहानियाँ कैसी लगीं कमेंट कर के ज़रूर बताएं। अपने पापा या अपनी मम्मी को अपनी राय बताएँ और फिर वो नीचे कमेंट कर देंगे जिसे पढ़ने के बाद मैं ज़रूर आपको जवाब दूंगा। प्रॉमिस !