इस तरह निगाहें मत फेरो, ऐसा न हो धड़कन रुक जाए सीने में कोई पत्थर तो नहीं एहसास का मारा, दिल ही तो है साहिर लुधियानवी

अपनी हालत का ख़ुद  एहसास नहीं है मुझ को मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं आसी उल्दनी

अपने होने का कुछ एहसास न होने से हुआ ख़ुद से मिलना मिरा  इक शख़्स के खोने से हुआ मुसव्विर सब्ज़वारी

तकलीफ़ मिट गई मगर  एहसास रह गया ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो  मिरे पास रह गया अब्दुल हमीद अदम

रोज़ मिलने पे भी लगता था कि जुग बीत गए इश्क़ में वक़्त का एहसास नहीं रहता है अहमद मुश्ताक़

अब तो ये भी नहीं रहा एहसास दर्द होता है या नहीं होता जिगर मुरादाबादी

अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दो मैं कि सदियों से अधूरा हूँ मुकम्मल कर दो वसी शाह

तेरे हाथों की हरारत तिरे साँसों की महक तैरती रहती है एहसास की पहनाई में साहिर लुधियानवी