बेवफाई का दर्द, जान भी नहीं लेता, और जीने भी नहीं देता. ये शेर उन बेवफाओं के नाम, जिन्होंने प्यार में दिल नहीं, धोखा दिया
खाली नहीं जाएंगे मेरे अश्क़ बेवफा रोयेगी इक दिन याद करके मेरी वफ़ाएं
अपने प्यार को बेवफ़ा होते देखना और झेलना किसी सजा से कम नहीं.
होता नहीं यकीन कि तुम निकले बेवफ़ा भरोसा किसी और पे अब कैसे हम करें !
जिसे आप अपनी ज़िन्दगी समझते थे, जब वो ही धोखा दे
तुम्हारी यादों से, अक्सर लिपट के रोते हैं तुम्हारे ज़ख्म अपने आंसुओं से धोते हैं
बेवफाई का दर्द ऐसे दिल को मुट्ठी में दबोच के रखता है
तुमने मुझे धोखा दिया, ये फ़ितरत थी तुम्हारी, खता न थी गलती मेरी थी कि मैं समझा नहीं, के तुम्हारे खून में वफ़ा न थी
खाली नहीं जाएंगे मेरे अश्क़ बेवफा रोयेगी इक दिन याद करके मेरी वफ़ाएं
आप जो बोयेंगे वही काटेंगे, हिसाब सबका होता है, उनका भी होगा
तेरी बेवफाई पे देखना किताब छपेंगे तेरी बेहयाई, इक दिन बेनकाब छपेंगे
जितने बेवफ़ा होते हैं, आम तौर पर बेशर्म भी होते हैं
बहोत चुभते हैं आँखों में, ये टुकड़े खवाबों के मेरे दिखाए बेवफ़ा ने जो, अपनी झूठी बातों से
मगर दर्द संभाले तो संभाले कैसे? इतना आसान कहाँ