फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते ख़ुश्बू है अगर वो तो बिखरना ही पड़ेगा एजाज़ रहमानी

~ फ़ितरत शायरी ~

ये मस्लक अपना अपना है ये फ़ितरत अपनी अपनी है जलाओ आशियाँ तुम हम करेंगे आशियाँ पैदा मयकश अकबराबादी

~ फ़ितरत शायरी ~

दिल है क़दमों पर किसी के सर झुका हो या न हो बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो जिगर मुरादाबादी

~ फ़ितरत शायरी ~

मैं जो रोया उन की आँखों में भी आँसू आ गए हुस्न की फ़ितरत में शामिल है मोहब्बत का मिज़ाज अनवर साबरी

~ फ़ितरत शायरी ~

कोई रोए तो मैं बे-वजह ख़ुद भी रोने लगता हूँ अब 'अख़्तर' चाहे तुम कुछ भी कहो ये मेरी फ़ितरत है अख़्तर अंसारी

~ फ़ितरत शायरी ~

मैं तो ज़हरीले साँपों को अब भी दूध पिलाता हूँ ये मेरी फ़ितरत है 'अख़्तर' या मेरी नादानी है अख़्तर अब्दुर्रशीद 

~ फ़ितरत शायरी ~

ख़्वाब देखा था कहाँ चमकी है ताबीर कहाँ हश्र का दिन मिरी फ़ितरत का उजाला निकला क़ौसर जायसी

~ फ़ितरत शायरी ~

दिल को होना है फ़ना रहना है क़ाएम अक़्ल को हस्ती-ए-आदम कहाँ जाए ये फ़ितरत छोड़ कर प्रियंवदा सिंह

~ फ़ितरत शायरी ~