शायरी शब्द सुनते ही गुलज़ार साहब सबसे पहले याद आते हैं. पेश है गुलज़ार साहब के कभी न भूल पाने वाले कुछ Heart Touching शेर
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी थी उनकी बात सुनी भी हम ने अपनी बात सुनाई भी
आँखों के पोछने से लगा आग का पता यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ
आप के बा'द हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है
आइना देख कर तसल्ली हुई हम को इस घर में जानता है कोई
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की