तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है

"ज़माना हुस्न नज़ाकत बला जफ़ा शोख़ी सिमट के आ गए सब आप की अदाओं में"

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~ 

Husn Shayari

कश्मीर की वादी में बे-पर्दा जो निकले हो क्या आग लगाओगे बर्फ़ीली चटानों में

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~

हम इश्क़ में हैं फ़र्द तो तुम हुस्न में यकता हम सा भी नहीं एक जो तुम सा नहीं कोई

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~

तुझे कौन जानता था मिरी दोस्ती से पहले तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~

जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~

उफ़ वो मरमर से तराशा हुआ शफ़्फ़ाफ़ बदन देखने वाले उसे ताज-महल कहते हैं

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~

किसी कली किसी गुल में किसी चमन में नहीं वो रंग है ही नहीं जो तिरे बदन में नहीं

 ~ Husn Par Shayari In Hindi ~