देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी
उनकी नफरत पर भी लुटा दी हमने जिंदगी सोचो अगर वो मोहब्बत करते तो हम क्या करते
अपनी नफरतों पे मैं इक किताब लिक्खूँगा तेरे सारे ज़ुल्मों का हिसाब लिक्खूँगा
तुमसे कभी भूल के भी नफरत न कर सका इस बात पे खुद को कभी माफ़ न किया
ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं तू ने मुझ को खो दिया मैंने तुझे खोया नहीं
मैं नहीं कहता, क्या तुमने किया है जो मौज़ूद हया हो, तो न आईना देखना
जो यूँ ही चले जाना था मुझको छोड़के तो आये क्यों थे ज़िन्दगी में रिश्ता जोड़ के
ज्यादा कुछ नहीं बदला, उनके और मेरे बीच में पहले नफरत नहीं थी, अब मोहब्बत नहीं हैं