Gulzar का जन्म झेलम के दीना में हुआ था, जो कि अ पाकिस्तान में है. गुलज़ार के पिताजी और बड़े भाई उनके लिखने के सख्त खिलाफ थे.
गुलज़ार ने अपनी पहचान छुपाकर 'गुलज़ार दीनवी' के नाम से लिखना शुरू किया था. गुलज़ार मुंबई में एक गराज में कार पेंट करने का काम करते थे
बिमल रॉय के सहायक के रूप में गुलज़ार ने फिल्मो में काम करना शुरू किया था.
गुलज़ार बंगला साहित्य और ख़ास तौर पे रवीन्द्रनाथ टेगोर से बहोत प्रभावित थे
एक गीतकार के रूप में गुलज़ार ने सबसे पहला गाना फिल्म 'बंदिनी' के लिए लिखा था 'मेरे अपने' उनकी पहली निर्देशित फिल्म थी जो एक बंगला फिल्म 'आपोन जोन' की रीमेक थी
गुलज़ार को सफ़ेद कुरता पैजामा पहनने की सलाह अभिनेत्री मीना कुमारी ने दी थी अपनी फिल्म कोशिश के लिए गुलज़ार ने मूक वधिर की सांकेतिक भाषा सीखी थी
गुलजार भारत्त के एकमात्र लेखक हैं, जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. फिल्म ;जय हो' के लिए
फिल्म हुतुतू के फ्लॉप हो जाने के बाद गुलज़ार लम्बे समय के लिए डिप्रेशन में चले गए थे. उस वक़्त उनका पूरा ख्याल उनकी बेटी मेघना गुलज़ार ने रखा था.
गुलज़ार साहब का पहला उपन्यास TWO जब बाज़ार में आया तो गुलज़ार की उम्र 84 साल थी. ये किताब देश के विभाजन के बारे में है.
गुलज़ार भारत के इकलौते ऐसे लेखक हैं, जिनकी सारी रचनाओं को अंग्रेजी में अनुवादित किया गया है. गुलज़ार साहब हिंदी, उर्दू, और पंजाबी में लिखते हैं .