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गवारा ही न थी जिन को जुदाई मेरी दम-भर की उन्हीं से आज मेरी शक्ल पहचानी नहीं जाती
~ Judai Shayari ~
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मैं जुदाई का मुक़र्रर सिलसिला हो जाऊँगा वो भी दिन आएगा जब ख़ुद से जुदा हो जाऊँगा
~ Judai Shayari ~
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हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें
~ Judai Shayari ~
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हम जुड़े रहते थे आबाद मकानों की तरह अब ये बातें हमें लगती हैं फ़सानों की तरह
~ Judai Shayari ~
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जुदा हुए तो जुदाई में ये कमाल भी था कि उस से राब्ता टूटा भी था बहाल भी था
~ Judai Shayari ~
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हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई था अगर फिर ये हंगामा मुलाक़ात से पहले क्या था
~ Judai Shayari ~
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कैसा फ़िराक़ कैसी जुदाई कहाँ का हिज्र वो जाएगा अगर तो ख़यालों में आएगा
~ Judai Shayari ~
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अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मिरी तन्हाई की
~ Judai Shayari ~