जी हाँ! लड़के भी रो सकते हैं, क्यूंकि रोना लड़कों को भी आता है. एक अघोषित कानून "मर्द नहीं रो सकते" जैसे बाँध के रख देते हैं पुरुषों की भावनाओं को
किसी लड़के या पुरुष को रोते हुए देखना हम सब को अचंभित कर देता है. क्यूंकि हमारी अपेक्षा एक लड़के या पुरुष से यही होती है कि, वो रो नहीं सकतें.
आँखों में आंसू सिर्फ साफ़ दिल वालों के आते हैं. और साफ़ दिल किसी gender विशेष का हो, ऐसा कतई नहीं है. Ladke Ro Sakte Hain, और इसमें हैरानी की कोई बात नहीं होनी चाहिए
हम लोगों ने अपने हिसाब से समाज और घरों के लिए कुछ ख़ास नियम बनाये हुए हैं। ये नियम बाबा आदम के ज़माने से वैसे ही चले आ रहे हैं
"क्या लड़कियों की तरह रो रहे हो? या फिर "ये लड़कियों की तरह रोना बंद करो" - याद कीजिये आपने ये बात कितनी बार सुनी होगी
किसी लड़के को रोना नहीं है, लड़के रोते नहीं है, लड़के हो कर रोते हो शर्म आनी चाहिए, समाज के इन्ही कायदों में से एक है
और अगर कोई लड़का/पुरुष अपने आंसुओं को रोकने में नाकाम रहे तो वो न सिर्फ हंसी का पात्र बन जाता है. ख़ुद उसके घरवाले उसका मज़ाक उड़ाते हैं
क्या लड़कियां मजबूत दिल की नहीं होती? क्या हर लड़की रोती है? उसी तरह लड़के भी नरम दिल के हो सकते हैं और रो भी सकते हैं