मेरे रोने की हक़ीक़त जिस में थी एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
जिन जिन को था ये इश्क़ का आज़ार मर गए अक्सर हमारे साथ के बीमार मर गए
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
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मिरे सलीक़े से मेरी निभी मोहब्बत में तमाम उम्र मैं नाकामियों से काम लिया
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की चाहते हैं सो आप करें हैं हम को अबस बदनाम किया
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
याद उस की इतनी ख़ूब नहीं 'मीर' बाज़ आ नादान फिर वो जी से भुलाया न जाएगा
~ मीर तक़ी मीर की शायरी ~
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