कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता

Nida Fazli Ki Shayari Aur Sher

Nida Fazli ka sufiyana andaaz

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो

Nida Fazli  duniya ki rasm pe

उस के दुश्मन हैं बहुत आदमी अच्छा होगा वो भी मेरी ही तरह शहर में तन्हा होगा 

Nida Fazli  ki zindagi ka tazurba

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे 

Nida Fazli ki naseehat

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए 

Nida Fazli ka andaze - bayan

अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं 

Hawaon ke rookh dekhiye janaab

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है

Nida Fazli Sahab Ne kitni badi baat kahi hai

एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा

Sach hi to hai Ham sab akele hi to hain