यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उस से मगर जाते जाते उस का वो मुड़ कर दोबारा देखना

Parveen Shakir Ki Jazbati Shayari

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं 

~ Parveen Shakir Ki Shayari ~

काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिन तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा 

~ Parveen Shakir Ki Shayari ~

" मैं सच कहूँगी मगर फिर भी हार जाऊँगी वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा "

~ Parveen Shakir Ki Shayari ~

अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ 

~ Parveen Shakir ~ Ki Shayari 

पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह 

~ Parveen Shakir Ki Shayari ~

अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई 

~ Parveen Shakir Ki Shayari ~

वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा 

सिर्फ ४२ साल की छोटी सी उम्र में परवीन शाकिर ने ये दुनिया छोड़ दी