Personal Loan लेते वक़्त कुछ बैंक अपने इंटरेस्ट रेट को एक ही तरीके से डील करते हैं और कुछ बैंक्स आपको फिक्स्ड या फ्लोटिंग 

में से कोई एक चुनने का मौका देते हैं. ये चुनाव आपको लोन लेते वक़्त ही करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपको 

चुनने की सुविधा मिले तो फिर आपको कौन सा लेना चाहिए? देखिये, फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट चुनने पे आपको सबसे बड़ा 

एडवांटेज ये मिलता है कि, जब कभी ब्याज दर में कटौती होती है  आपको उसका लाभ मिलेगा और आपको ब्याज भी कम   

देना पड़ेगा अपने लोन पे. लेकिन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पे ब्याज दरों में बढ़ोतरी का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आप पहले जितनी EMI 

दे रहे थे ब्याज दर के बढ़ने पे भी उतनी ही EMI देंगे. आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग को चेंज नहीं होना पड़ता है 

भारत और विशव भर की आर्थिक स्थिथि पे नज़र डालें तो ब्याज दरों में कोई कटौती होगी, इसकी संभावना कम ही दिखती है.

ऐसे में आपको ये तय करना पड़ेगा कि, आप Fixed या Floating Interest Rate में से किसके साथ जाना चाहते हैं