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इस जश्न-ए-चराग़ाँ से तो बेहतर थे अँधेरे इन झूटे चराग़ों को बुझा क्यूँ नहीं देते
एहसास आपके... जुबां हमारी
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मैं एक पल में अँधेरे से हार जाऊँगा तमाम उम्र चराग़ों के बीच गुज़री है
एहसास आपके... जुबां हमारी
अँधेरे एहसास
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रह रह के कौंदती हैं अंधेरे में बिजलियाँ तुम याद कर रहे हो कि याद आ रहे हो तुम
एहसास आपके... जुबां हमारी
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चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अंधेरा है ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अंधेरा है
एहसास आपके... जुबां हमारी
अँधेरे एहसास
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जो सुनना चाहो तो बोल उट्ठेंगे अँधेरे भी न सुनना चाहो तो दिल की सदा सुनाई न दे
एहसास आपके... जुबां हमारी
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ख़ुद चराग़ बन के जल वक़्त के अंधेरे में भीक के उजालों से रौशनी नहीं होती
एहसास आपके... जुबां हमारी
अँधेरे एहसास
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इस अँधेरे में चराग़-ए-ख़्वाब की ख़्वाहिश नहीं ये भी क्या कम है कि थोड़ी देर सो जाता हूँ मैं
एहसास आपके... जुबां हमारी
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इसी बाइस मैं अपना निस्फ़ रखता हूँ अँधेरे में मिरे अतराफ़ भी सूरज कोई गर्दिश में रहता है
एहसास आपके... जुबां हमारी
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